नई दिल्ली।कृषि सुधार के लिए पारित कानूनों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों के साथ सरकार की आठवें दौर की वार्ता में कुछ नए प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं। विज्ञान भवन में शुक्रवार को होने वाली वार्ता में सरकार की तरफ से किसानों के समक्ष नया फार्मूला पेश किया जा सकता है। कानूनों के प्रावधानों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा सकता है। कानूनी प्रावधानों पर एतराज जताने वाले राज्यों के लिए कुछ विशेष शर्तों के साथ रियायत देने पर भी विचार किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए उन राज्यों की सरकारों को पहल करनी होगी। वार्ता में सफलता के लिए किसान संगठनों को भी जिद छोड़कर आगे बढ़ना होगा। अभी तक वार्ता के किसी दौर में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाली मांग पर चर्चा ही नहीं हुई है। सातवें दौर की वार्ता के बाद कृषि मंत्री ने कहा था कि एमएसपी की गारंटी वाले मसले पर अगली बार (आठ जनवरी) की बैठक में चर्चा होगी। इससे पहले गुरुवार को किसानों ने दिल्ली के बाहरी हिस्से वाली सड़कों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला और अपनी मांगों के माने जाने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है।
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से गुरुवार को भी कृषि सुधार कानूनों का समर्थन करने वाले किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। आंदोलनकारी किसानों के प्रति सहानुभूति जताते हुए तोमर ने एक बार फिर विश्वास जताया कि शुक्रवार की वार्ता में समस्या का समाधान निकाल लिए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है।
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