किसान हितैषी और मप्र में विकास बढ़ाने वाला है केन्द्रीय बजट: लाल सिंह आर्य

रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर । केन्द्रीय बजट में इस बार सबसे ज्यादा किसानों के हितों का ध्यान रखा गया है। यही नहीं जिन फसलों को कांग्रेस शासनकाल में एमएसपी से दूर रखा गया, उनको भी मोदी सरकार ने दायरे में लाकर किसानों को लाभ दिया। इसके अलावा गेहूं और चावल में एमएसपी के रूप में कई गुना धनराशि बढ़ाई गई है। यह जानकारी गुरुवार को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  लाल सिंह आर्य ने दी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस बजट में मध्यप्रदेश सड़कों से लेकर सिंचाई परियोजना और रेलवे नेटवर्क विस्तार के लिए कई गुना धनराशि दी गई है। उक्त बात गुरूवार को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  लालसिंह आर्य जी ने होटल वेद मंत्रा, सनातन धर्म मन्दिर रोड पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। इस अवसर पर भाजपा ग्वालियर महानगर के जिलाध्यक्ष  कमल माखीजानी, ग्रामीण जिलाध्यक्ष  कौशल शर्मा, संभागीय मीडिया प्रभारी  पवनकुमार सेन उपस्थित थे। 

 आर्य ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद भी केन्द्र सरकार ने जलकल्याणकारी और विकास पर आधारित बजट बनाया है। सरकार ने 8 करोड़ लोगों को उज्जवला योजना के तहत फ्री एलपीजी सिलेंडर दिए। 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दिया, जिसकी कीमत करीब 90 हजार करोड़ रुपए है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना रखी, जो अब मंत्र बन गया। इसी कारण देश में वेंटीलेटर, मास्क और पीपीई किट का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। कांग्रेस के शासनकाल में तो यह सब कुछ नहीं होता था। 

 आर्य ने खासतौर से किसानों की योजनाओं को सामने रखते हुए कहा कि स्वयं प्रधानमंत्री ने वादा किया है कि किसानों के लिए एमएसपी हमेशा रहेगी और इस बार बजट में 16.5 लाख करोड़ एमएसपी के लिए रखे गए हैं। यही नहीं सरकार ने 22 फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रावधान इस बजट में किया है और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड भी सरकार ने बनाया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में जहां गेहूं की एमएसपी खरीद के लिए केवल 24764 करोड़ रुपए सरकार देती थी, वहीं अब 2020 में यह धनराशि 75 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। इसी प्रकार धान खरीदी में केन्द्र सरकार ने 2020 में एक लाख 72 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा एमएसपी में दिए, जबकि 2010 में यह राशि केवल 52 हजार करोड़ रुपए थी। मोदी सरकार ने तिहलन और दलहन भी एमएसपी पर खरीदना शुरु कर दिया है, जो कभी भी कांग्रेस की सरकार ने नहीं किया। 

मध्य प्रदेश को इस बार के बजट में विकास कार्यों के लिए अच्छी धनराशि प्राप्त हुई है। हाईवे से लेकर शहर व गांव की सड़कों के लिए 43900 करोड़ रुपए मिले हैं। इसी प्रकार भोपाल व इंदौर मेट्रो के लिए 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि मिली है। रेलवे ट्रैक बनाने और ब्राड गेज में बदलने से लेकर दोहरी लाइन के लिए 56 हजार करोड़ से ज्यादा का धन मप्र के हिस्से में आया है। केन-बेतवा नदी परियोजना के लिए केन्द्र सरकार ने 35 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा धन दिया है। 

 आर्य ने बताया कि देश में 100 से ज्यादा सैनिकल स्कूल, आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य स्कूल खोलने की योजना भी बनाई है। इसी प्रकार अनूसूचित जाति के पोस्ट मैट्रिक छात्रों के लिए इस वर्ष 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान भी केन्द्र सरकार ने कर दिया है। केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर रेल नेटवर्क, गांव व शहरों में पेयजल उपलब्धता, सहकारी बैंक के लिए 20 हजार करोड़ रुपए तक का प्रावधान किया है। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री ने विकास का समावेशी बजट पेश किया और किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया। उम्मीद है कि इस बजट से देश प्रधानमंत्री के मंत्र आत्मनिर्भर को पूरी तरह साकार करेगा।

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