भारत के बढ़ते कदम विषय पर ओजस्विनी विचार मंच की ई-परिचर्चा आयोजित

ग्वालियर । विज्ञान और संस्कृति का अद्भुत संगम भारत भूमि, जिसमें एक ओर विकास की अपार संभावनाएं हैं तो दूसरी ओर समस्याओं के अंबार, परंतु सभी परिस्थितियों में अपनी श्रेष्ठता और कुशलता का परचम लहराकर भारत ने विश्व को अपना लोहा मानने पर विवश कर दिया है ।आज संपूर्ण विश्व भारत की ओर उम्मीद और आशा भरी नजरों से देख रहा है । भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति, आयुध, अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन, विदेशी निवेश, सेंसेक्स की ऐतिहासिक उड़ान और वैक्सीन का निर्माण जैसे अनेक कार्य भारत के बढ़ते हुए कदम के साक्षात् उदाहरण हैं । कोरोना काल की भयावह परिस्थिति में भारत विश्व का पहला देश है जो एयरलिफ्ट करके जरूरतमंद देशों को वैक्सीन मुहैया करवा रहा है । दुनिया समझले कि भारत प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी उदारता के भाव को कभी नहीं भूलता । आध्यात्मिक शक्ति से पोषित भारत स्वदेशी तकनीक से निर्मित मंगल यान, चंद्र यान के बाद अब गगन यान जैसे मिशन द्वारा अंतरिक्ष में सफलता के झंडे गाढ़ता चला जा रहा है। आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र को अपनाकर वैश्वीकरण की एक नई इबारत लिख रहा है । उपरोक्त विचारों के साथ परिचर्चा में 42 बहनों ने पूरे उत्साह से भाग लिया और भारत के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की उपलब्धियों पर चर्चा कर कार्यक्रम को सार्थक बनाया । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ नीलम महेंद्र थीं । इनके अलावा श्रीमती शालिनी शर्मा, श्रीमती जिज्ञासा सिंह, रिचा गुप्ता एवं डॉक्टर राजरानी शर्मा अपने विचार रखें । प्रस्तावना डॉ रितु नामधारी, गीत श्रीमती निधि मिश्रा ने गाया । कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रेक्षा नाइक एवं आभार डॉ कल्पना शर्मा ने किया ।

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