विशाल कलश यात्रा के साथ शुरू हुई श्रीमद भागवत कथा

 रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर। श्री चलेश्वर महादेव मां शक्ति मंदिर की स्थापना के 19 वर्ष पूर्ण होने पर आठ दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का प्रारंभ कलश यात्रा एवं श्रीमद भागवत ग्रंथ की भव्य शोभा यात्रा निकालकर किया गया। भूतेश्वर महादेव मंदिर शब्द प्रताप आश्रम से कलश में जल भरकर एवं श्रीमद भागवत ग्रंथ की पूजा अर्चना के उपरांत प्रमुख मार्गों से होकर शोभायात्रा कथा के आयोजन स्थल तिकोनिया पार्क विनय नगर, पत्रकार काॅलोनी पंहुची जहां वैदिक मंत्रो के साथ श्रीमद भागवत ग्रंथ की स्थापना की गई। 

          श्री चलेश्वर महादेव मां शक्ति मंदिर पर आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पूर्व आयोजित कलश यात्रा एवं श्रीमद भागवत ग्रंथ की भव्य शोभा यात्रा में बडी संख्या में पीतवस्त्र धारित महिला एवं पुरुष श्रद्वालुओं ने उत्सह से भाग लिया तथा शोभायात्रा के पूरे मार्ग में श्रद्वालु बैंडबाजों के साथ भजनों की धुन पर नाचते गाते रहे और रास्ते भर शोभायात्रा पर पुष्पवर्षा श्रद्वालुओं द्वारा की गई। भूतेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ हुई शोभा यात्रा शब्द प्रताप आश्रम तिराहा से होते हुए उरवाई गेट से विनय नगर सेक्टर 3 में घूमते हुए तिकोनिया पार्क पर पंहुची जहां व्यासपीठ सुश्री गुंजन वशिष्ट द्वारा वैदिक मंत्रो के साथ श्रीमद भागवत ग्रंथ की स्थापना की गई। कार्यक्रम संयोजक रमेश चंद झा, बुजेश शर्मा, श्याम सिंह , जीतेन्द्र राठौर सहित बडी संख्या में श्रद्वालु उपस्थित रहे।

 कलश यात्रा एवं श्रीमद भागवत ग्रंथ की भव्य शोभा यात्रा में सैकडों की संख्या शामिल हुए श्रद्वालुओं के साथ ही शोभा यात्रा में विशेष अनुरोध पर शामिल हुए सिद्व महंत श्री दंदरौआ धाम के महंत श्री रामदास जी महाराज, गंगा दास जी की शाला के महंत श्री रामसेवक दास जी महाराज, किला गुरुद्वारा के महाराज बाबा लक्खा सिंह जी, ढोलीबुआ महाराज श्री सच्चिदानंद जी महाराज शोभायात्रा की शोभा बने और सभी श्रद्वालुओं ने सिद्व महंतों का आर्शीवाद प्राप्त किया।

भागवत कथा के श्रवण मात्र से हो जाता है मानव जीवन सफल-सुश्री गुंजन वशिष्ठ 

       व्यासपीठ सुश्री प्रज्ञा भारती जी की परमशिष्या सुश्री गुंजन वशिष्ठ ने पहले दिन की कथा सुनाते हुए कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से मानव जीवन सफल हो जाता है। मानव कल्याण के लिए एक मात्र श्रीमद भागवत कथा ही है जो मानव के कल्याण, जो मानव को मोक्ष दिलाती है, देवता भी लोक जीवन में आ करके मोक्ष की कामना करते हैं। परिस्थति जैसी भी हो, सुख हो दुख हो सभी समय भगवान मुस्कराते रहते हैं, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारावास में हुआ, जन्म होते ही उन्हें गोकुल पहुंचा दिया गया, उन्हें मारने के लिए कंस ने कई बार प्रयास किया, उनके सामने ही यदुवंश का विनाश हो गया इसके बाद भी भगवान मुस्कुराते रहे इससे सीख लेते हुए हम सभी को भी परिस्थीतियां चाहे जैसा हो हमेशा मुस्कराते रहना चाहिए, मानव जन्म लेने वाला अकेला आता है अकेला ही मोक्ष की प्राप्ति करता है, संसार और संसार में रहने वाले सभी जीवों को भगवान श्रीकृष्ण ने बनाया हमें श्रीकृष्ण की भक्ति करनी चाहिए जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो। कथा श्रवण कर हर मानव के मन में ईश भक्ति की भावना पैदा होती है। कथा के बीच बीच में व्यासपीठ सुश्री प्रज्ञा भारती जी की परमशिष्या सुश्री गुंजन वशिष्ठ एवं उनके साथ आए भजन गायक के द्वारा गाए जाने वाले भगवान   श्रीकृष्ण जी की भक्तिमय भजनों को सुनकर कथा सुन रहे श्रद्वालु तालियां बजाते हुए भक्ति रस में डूबे हुए नजर आए।

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