पिछले 1 वर्ष से कोविड-19 की वजह से शिवरात्रि, होली, दुर्गा ,उत्सव जैसे कोई भी बड़े धार्मिक आयोजन नहीं हो सके इस संकट के समय को पास करने के बाद अब हर किसी के मन में प्रभु को धन्यवाद और त्यौहार मनाने का उत्सव बढ़ रहा है इसी क्रम में 11 मार्च गुरुवार को महा शिवरात्रि महापर्व व्रत है।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार महाशिवरात्रि का पर्व शिव और सिद्धि योग में मनाने से व्रत रखने से मनुष्य निरोगी होगा उसकी हर मनोकामना पूर्ण होगी जिनको शनि, राहु, केतु या शनि साढेसाती से पीड़ा है उनके लिए यह व्रत पीड़ा शांति बाला और सभी संकटों से निकालने वाला रहेगा।
जैन ने कहा इस बार 11 मार्च गुरुवार को त्रियोदशी तिथि दोपहर 02:39 बजे समाप्त हो जाएगी और चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी इस वजह से चतुर्दशी तिथि निश्चित व्यापिनी होगी अतः 11 मार्च गुरुवार को ही महाशिवरात्रि व्रत रखने का श्रेष्ठ दिन है 11 मार्च को निशीथकाल रात्रि 12:12 बजे से रात्रि 1:01 बजे तक है। इसी दिन प्रथम प्रहर की पूजा सूर्यास्त समय 6:20 से द्वितीय पहर की रात्रि 9:24 बजे से तृतीय पहर की रात्रि 12:27 बजे से और चतुर्थ पहर की रात्रि 3:30 बजे से सूर्योदय तक शुभ है।
महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व है। इस व्रत को करने के लिए भक्तों को त्रियोदशी के दिन केवल एक बार भोजन करके शिवरात्रि वाले दिन प्रातः निवृत्त होकर पूरे दिन व्रत का संकल्प करना चाहिए संध्या समय में स्नान करके पूजन के लिए तैयार रहना चाहिए रात्रि के प्रत्येक पहर की पूजन के बाद दूसरे दिन सूर्योदय के साथ व्रत का समापन करना चाहिए पूजा चारों पहरो में या एक बार भी कर सकते हैं।
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