रविकांत दुबे AD News 24
ग्वालियर। जेयू के हेल्थ सेंटर में लगे गायनिक शिविर में 150 से अधिक महिलाओं ने कराया चैकअप लगातार मौसम में हो रहे बदलावों, प्रदूषण, खान- पान में बदलाव और डैली रूटीन लाइफ में असंतुलन के कारण महिलाओं में स्तन कैंसर, थाइरॉइड, ब्लड प्रेशर, एनीमिया, लिकोरिया, जोड़ों में दर्द जैसी कई तरह की बीमारियां होने लगी हैं। इन सबका ईलाज आयुर्वेदिक पद्धति से काफी आसान तरीके से हो सकता है। यह बात आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. मीनाक्षी पाल ने कही। उन्होंने यह जानकारी जीवाजी विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर में शनिवार को लगाए गए ‘गायनिक शिविर’ में दी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लगाए गए इस शिविर में 150 से अधिक महिलाओं को चिकित्सा संबंधी आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार संबंधी परामर्श दिए गए साथ ही उन्हें दवाइयां भी वितरित की गईं। इस अवसर पर हेल्थ सेंटर के कोऑर्डिनेटर प्रो. जीबीकेएस प्रसाद और डॉ. केके सिजोरिया भी मौजूद रहे।
निः संतानता में उपयोगी है पंचकर्म
डॉ. मीनाक्षी पाल ने बताया कि महिलाओं में आजकल निः संतानता और ट्यूब ब्लॉक संबंधी परेशानी काफी देखने को मिल रही है। इनमें पंचकर्म और उत्तरवस्ती जैसी उपचार पद्धतियां काफी कारगर साबित हो रही हैं।
- बढ़ती उम्र में हार्मोन के असंतुलन के कारण टीएनजर्स में एक्ने, पिंपल्स जैसी समस्या भी आम बात होती जा रही है। इन सबका ईलाज आयुर्वेदिक पद्धति से काफी आसान तरीके से हो सकता है।
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