एक हजार किलोवाट तक के सोलर संयंत्र पर नेट मीटरिंग का लाभ दिया जाए : एमपीसीसीआई

रविकांत दुबे AD News 24

ग्रिड संयोजित शुद्घ मापन विनियम,2015 में द्बितीय संशोधन पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग को भेजी आपत्ति

ग्वालियर | म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा ग्रिड संयोजित शुद्घ मापन) विनियम,2015 में द्बितीय संशोधन पर मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग को आपत्तियां/सुझाव प्रेषित किये गये हैं|

एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया गया है कि मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (ग्रिड संयोजित शुद्घ मापन) विनियम,2015 में द्बितीय संशोधन पर सुझाव एवं आपत्तियां चाही गई हैं जिस पर एमपीसीसीआई द्बारा निम्नलिखित सुझाव/आपत्तियां प्रेषित की हैं:-

1. यह कि उक्त संशोधन में घर की छत पर 10 किलोवाट क्षमता तक का सोलर संयंत्र लगाने पर नेट मीटरिंग का लाभ दिया जाना प्रस्तावित किया गया है जबकि इससे अधिक क्षमता के सोलर संयंत्र पर इसका लाभ नहीं दिया जायेगा|

2. यह कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्बारा ‘‘आत्मनिर्भर’’ बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जबकि उक्त प्रस्तावित संशोधन उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी पर निर्भर करने के लिए प्रोत्साहित करता है|

3. यह कि सरकार द्बारा सोलर एनर्जी को बढावा देने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं ताकि देश के सीमित संसाधनों पर हमारी निर्भरता कम हो सके| जहां एक ओर देश में पेट्रोल-डीजल की खपत करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढाने के लिए प्रयास किया जा रहा है वहीं विद्युत की खपत को कम करने के लिए सोलर एनर्जी के प्रयोग को बढाने के प्रयास भारतवर्ष में किये जा रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश में उक्त प्रावधान से इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा|

4. सोलर संयंत्र मुख्यत: बहुमंजिला इमारतों, वाणिज्यिक संस्थाओं एवं औद्योगिक इकाईयों द्बारा लगाये जाते हैं ताकि एकमुश्त निवेश कर ऊर्जा जरूरतों पर लगने वाली लागत को कम किया जा सके| वहीं उत्पादित अतिरिक्त विद्युत को वितरण कंपनी को विक्रय कर विद्युत बिल में भी राहत मिल सके|

5. यह कि 10 किलोवाट क्षमता तक नेट मीटरिंग का लाभ दिये जाने का प्रावधान बहुमंजिला इमारतों, वाणिज्यिक संस्थाओं एवं औद्योगिक इकाईयों द्बारा नये सोलर संयंत्र स्थापित करने में अवरोधक का कार्य करेगा|

एमपीसीसीआई ने आपत्तियां/सुझाव प्रेषित कर विद्युत नियामक आयोग से मांग की है कि विद्युत पर निर्भरता को कम करने तथा सोलर ऊर्जा के प्रयोग को बढावा देने के लिए आवश्यक है कि प्रस्तावित संशोधन को स्थगित कर, 1000 किलोवॉट तक के सोलर संयंत्र पर नेट मीटरिंग का लाभ उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाये, ताकि माननीय मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप हम ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ की ओर कदम बढा सकें|


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