रामनवमी 21अप्रैल बुधवार को इस बार फिर घर पर रहकर मनाई जाएगी

 भगवान राम का जन्म चैत्र शुक्ला नवमीके दिन हुआ था

पिछले वर्ष कोरोना की वजह से  नवरात्रि और रामनवमी का पर्व घर पर मनाया गया था।इसके चलते इसबार भी घरों पर रहकर  भगवान राम की पूजा की जाएगी ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि भगवान राम का जन्म कर्क लग्न में पुनर्वसु नक्षत्र में राजा दशरथ के घर अयोध्या में हुआ था। उस समय  ग्रहों की स्थिति अपने अपने उच्च राशियो में थी।

 श्री राम त्रेतायुग में रावण और राक्षसों के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई

 जैन ने कहा इस समय बसंत नवरात्रि चल रहे हैं जो रामनवमी के कारण नवमी के दिन का महत्व अधिक शुभ हो जाता है । मान्यता है कि कई लोग गृह प्रवेश, दुकान खोलना, व्यापार आरंभ एवं वाहन  खरीदना पसंद करते है। और पूजा -पाठ ,हवन मंत्र जाप करते हुए भगवान राम का व्रत रखते हैं और सुख शांति एवं कष्टों से निवृत्ति की प्रार्थना करते हैं इस बार रामनवमी दुपहर 11:02 बजे से 1:30 बजे तक मुहूर्त है। इसमें भी नवमी मध्यान क्षण दोपहर 12:20 पर होगा।

इसी समय राम का जन्माभिषेक पूजन होगा।
राम भक्त इस दिन रामायण का पाठ करते है।
रामरक्षा स्त्रोत पढ़ते हैं। श्री राम की प्रतिमा को फूल मालाओं से सजाते हैं व पालने में भी झुलाते है।व षोडसपचार से पूजन करते है।

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