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हनुमान जयंती आज मंगलवार को स्वाती नक्षत्र, ध्वज,व सिद्धि योग में मनाई जाएगी

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने कहा कि मंगलवार के दिन इस बार हनुमान जयंती पड़ने के कारण इसका महत्व और बढ़ रहा है। पूर्णिमा तिथि 26 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी, जो कि 27 अप्रैल की सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। इसलिए 27 अप्रेल को ही मनाना श्रेष्ठ है।

 हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का विशेष महत्व होता है। हनुमान जयंती हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाते हैं। इस साल हनुमान जयंती 27 अप्रैल मंगलवार को स्वाती नक्षत्र ,ध्वज व सिद्धि योग में मंगलवार के संयोग में पड़ने से विशेष शुभ व महत्व की होजाती है।

  इस दिन भक्त हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के साथ ही व्रत रखते हैं। मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। संकटों से मुक्ति दिलाने के कारण  हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है।

जिनके शनि की साढ़ेसाती ढैया, या विंशोतरी महादशा या अंतर्दशा है उनके कष्ट भी इस दिन विधि-विधान से रखने से दूर होंगे।

कैसे रखे व्रतरू- हनुमान जयंती की पूर्व रात्रि जमीन पर सोना चाहिए। सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ हनुमान जी का ध्यान लगाना चाहिए।

 इसके अगले दिन स्नान आदि करने के पश्चात हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें। अब पूर्व दिशा में मुख करके पूरे विधि-विधान के साथ हनुमान जी की पूजा करें। पूजा के बाद मंत्रोच्चारण करते हुए हनुमान जी का ध्यान लगाएं।  ऐसा करने से संकटमोचन की कृपा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ओर शनि की पीड़ा से भी शांति मिलती है।इस समय धनु,मकर,कुंभ राशियों बाले शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित है और मिथुन व तुला राशियों बाले ढैया से उन्हें भी अनुमान जयन्ती पर विधि विधान से व्रत रखकर साधना करने से पीड़ा शांत होगी।

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