कैसे कराए अष्टमी को कन्या पूजन और कन्या भोजन

इस बार कोरोना के भयंकर संक्रमण के कारण सारे त्यौहार फिके होते जा रहे हैं नवरात्र में अष्टमी का बड़ा महत्व होता है। इस दिन कन्या पूजन कन्या भोज एवं हवन किए जाते हैं।

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने कहा  इस बार 20 अप्रैल मंगलवार को अष्टमी तिथि है। इस दिन कन्याये अपने पूजन, भोजन के लिए वे इस दिन का इंतजार महीनों से कर रही होती है।

 बसंत नवरात्र में अष्टमी व रामनवमी को धार्मिक दृष्टि से सभी में बड़ा उत्साह रहता है कन्याएं  इस अष्टमी वाले दिन का इंतजार अपने पूजन और भोजन के लिए करती रहती हैं इस दिन का इंतजार बड़े बूढ़ों को भी कन्या पूजन व कन्याओ को भोजन कराने का पुण्य प्राप्त करने का इंतजार रहता है कई तो कार्य सिद्धि होने पर कन्या पूजन भोजन कराने का संकल्प लेकर बैठे रहते हैं। अनेक व्यापार, प्रतिष्ठान, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, दुकान आरंभ करने के लिए इस दिन अष्टमी और नवमी का इंतजार करते रहते हैं ।पर कोरोना काल के चलते इस बार इन सब को धैर्य रखना पड़ेगा और इस समय देवी का घर पर पूजन, ध्यान पाठ, सूक्ष्म रूप से हवन कर संकल्प करना चाहिए और जब परिस्थिति अनुकूल बने उस समय के किसी माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कन्याओं को पूजन  कर भोजन कराना चाहिए और यथाशक्ति दक्षिणा भेट करना चाहिए वही पुण्य जो अभी अष्टमी के दिन पूजन व कन्या भोजन का  प्राप्त होता वही उन्हें इस समय का प्राप्त होगा इसलिए संकल्प पूर्वक धैर्य रखना चाहिए।

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