आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में औद्योगिक क्षेत्र की एक साला उपलब्धियाँ

जनसंपर्क संचालनालय की विशेष फीचर श्रृंखला

ग्वालियर |  मुख्यमंत्री के रूप में श्री शिवराज सिंह चौहान की देशभर में एक अलग पहचान है। उन्होंने पद की गरिमा को गौरवान्वित किया है। अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश के अग्रणी रहने का श्रेय भी आज उन्हें दिया जा सकता है। सच्चाई यह है कि मध्यप्रदेश और श्री शिवराज सिंह चौहान एक-दूसरे की पहचान बन गए हैं। मध्यप्रदेश के गठन के बाद जनता के कल्याण के लिए सबसे अधिक अवधि के मुख्यमंत्री ही नहीं जनता के मुख्यमंत्री के तौर पर भी श्री चौहान की छवि बनी है। उन्होंने हर कार्यकाल में यादगार कार्य किए हैं।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल नेतृत्व में सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्रों में प्रदेश को अग्रणी बनाकर आगामी तीन वर्षों में आत्म-निर्भर बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिये आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश रोडमेप-2023 तैयार किया गया है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम द्वारा किए गए प्रयासों की पिछले एक साल की अनेक उपलब्धियाँ हैं।

नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना

प्रदेश के विभिन्न अंचलों में मांग के अनुरूप 1575 से अधिक हेक्टेयर भूमि पर 20 नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना तैयार की गई है। इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से प्रदेश में लगभग 15 हजार करोड़ रूपये के निवेश के साथ 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार भी मिल सकेगा।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 औद्योगिक क्षेत्रों में कुल 1 हजार 325 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल का विकास कार्य पूर्ण किया गया। साथ ही 6 विद्यमान औद्योगिक क्षेत्रों में 1 हजार 323 हेक्टेयर क्षेत्रफल में भी उन्नयन कार्य पूर्ण किया गया है। इससे औद्योगिक इकाइयों को विकसित अधोसंरचना प्राप्त होने के साथ ही प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

अटल बिहारी बाजपेयी प्रोग्रेस-वे

यह 400 किलोमीटर का राजमार्ग श्योपुर जिले को राजस्थान के कोटा से जोड़ेगा। यह राजमार्ग प्रदेश के श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों से होकर गुजरेगा। इस प्रोग्रेस-वे के साथ 5 औद्योगिक केन्द्र विकसित करने के लिये कन्सलटेंट की नियुक्ति की गई है। इसी तरह नर्मदा एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ भी इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास किया जाएगा।

लैण्ड पूलिंग योजना

योजना में इन्वेस्टमेंट रीजन पीथमपुर जिला- धार के औद्योगिक क्षेत्र 4 एवं 5 के विकास के लिये प्रथम चरण में 586 हेक्टेयर भूमि पर 550 करोड़ रूपये का व्यय कर औद्योगिक पार्क विकसित किया जाएगा। इससे क्षेत्र में 15 हजार करोड़ रूपये का निवेश एवं 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होना संभावित है।

बल्क ड्रग्स/मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना

भारत सरकार की फार्मा प्रोत्साहन नीति में औद्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई जिला होशंगाबाद में 2074.16 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग्स पार्क तथा 358 एकड़ से ज्यादा भूमि पर मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना का प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया गया है।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऑक्सीजन/मेडिकल गैसेस निर्माण क्षेत्र में प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिये औद्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई जिला होशंगाबाद में ऑक्सीजन/मेडिकल गैसेस निर्माण इकाई की स्थापना की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई।

वोकल फॉर लोकल के मजबूत रास्ते

एक जिला एक उत्पाद : स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उनकी ब्राण्डिंग तथा विपणन हेतु प्रदेश के प्रत्येक जिले का एक विशिष्ट उत्पाद चिन्हित करने का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस संकल्प पर अमल के लिये अंतर्राष्ट्रीय व्यापार इन्टेलीजेन्स तथा निर्यात सुविधा केन्द्र की स्थापना के लिये कन्सल्टेट का चयन किया गया है।

इन्वेस्ट एमपी ब्राण्ड स्थापित करना

प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिये ''''इन्वेस्टमेंट ड्राइव” निर्बाध रूप से चल रही है। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न रोड-शो, वर्चुअल ईवेंट्स, प्रदर्शनी आयोजित किये जा रहे हैं। इन आयोजनों में निवेशकों से सम्पर्क स्थापित किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश को निवेश के लिये आकर्षक राज्य के रूप में प्रोजेक्ट करने उपलब्ध निवेश की संभावनाओं की मार्केटिंग और ब्रांडिंग के उद्देश्य से वर्ष 2020-21 में दो वर्चुअल राउण्ड टेबल चर्चाएँ, दो अंतर्देशीय ईवेंट्स तथा एक अंतर्राष्ट्रीय ईवेंट में भागीदारी/आयोजन किया गया। विभाग के उच्च स्तरीय प्रतिनिधियों द्वारा विभिन्न वेबिनार, वीडियो कॉन्फ्रेन्स, वर्चुअल इवेंटस् में भागीदारी कर निवेशकों से सम्पर्क स्थापित किया गया।

अन्य महत्वपूर्ण योजना

कोविड-19 के दौरान भी पिछले एक वर्ष में प्रदेश में 7 बड़े उद्योग स्थापित हुए। इनमें लगभग 1563 करोड़ रूपये का पूंजी निवेश एवं 5705 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ।

औद्योगिक क्षेत्रों में विभिन्न श्रेणी की 372 इकाइयों को 251 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित की गयी। इनमें लगभग 4336 करोड़ 82 लाख रूपये का पूँजी निवेश तथा 12 हजार 509 व्यक्तियों को रोजगार संभावित है।

औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता

इस एक साल में उद्योग संवर्धन नीति-2019 (संशोधित-2020) में प्रावधानित सुविधाओं यथा वैट/सीएसटी प्रतिपूर्ति सहायता निवेश प्रोत्साहन योजना, ब्याज अनुदान, ईटीपी, एसटीपी, अधोसंरचना विकास इत्यादि के अन्तर्गत वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को राशि 387 करोड़ 55 लाख रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई।

कोविड-19 से बचाव के लिये प्रदेश के नागरिकों को अधिकाधिक संख्या एवं कम कीमत में मास्क उपलब्ध कराने के साथ ही प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की महिला उद्यमियों के रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के उददेश्य से जीवन शक्ति योजना लागू की गई।

नीतिगत निर्णय

मध्यप्रदेश सरकार ने कोविड-19 संकट के कारण उद्योगों को आ रही कठिनाइयों को देखते हुए उद्योग नीति एवं भूमि आवंटन नियम के अंतर्गत विशेष रियायत/समयावधि में छूट प्रदान की। परिधान क्षेत्र में 25 करोड़ रूपये से अधिक पूँजी निवेश की विनिर्माण इकाइयों को मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई मान्य करने का निर्णय भी लिया गया है।

इस साल निवेश संवर्धन पर मंत्रि-परिषद समिति द्वारा भी 631 करोड़ 60 लाख रूपये के पूँजी निवेश वाले चार परियोजना प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। इन परियोजनाओं में करीब सवा 5 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिल सकेगा।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

प्रदेश ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग-2019 में देश में चौथी रैंक अर्जित की है। भारत सरकार द्वारा व्यापार संचालन सरलीकरण के लिए राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय व्यापार सुधार कार्यक्रम-2020 के क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए हैं। इसके अंतर्गत मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम द्वारा औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के आवश्यक निरीक्षणों के लिए कम्प्यूटराइज्ड केन्द्रीकृत निरीक्षण व्यवस्था विकसित एवं परिनियोजित की गयी है। अपने उद्योग के क्रियान्वयन को प्रारंभ करने की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न विभागों की सम्मतियाँ/अनुमतियाँ 30 दिवस के अन्दर प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। निगम के विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन से संबंधित कईं सेवाओं को मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 में अधिसूचित किया गया है।

इसी तरह निवेशकों द्वारा ऑनलाइन अभ्यावेदन में प्लॉट, मशीनरी, शेड एवं बिल्डिंग में संयुक्त रूप से 10 करोड़ की राशि के बराबर अथवा उससे अधिक निवेश प्रस्तावित करने की स्थिति में पदाभिहित पोर्टल द्वारा आशय-पत्र उसी दिवस में स्वतः जारी किया जाएगा। निवेशकों द्वारा ऑनलाइन अभ्यावेदन में प्लॉट एवं मशीनरी, शेड एवं बिल्डिंग में संयुक्त रूप से 10 करोड़ रूपये से कम राशि का निवेश प्रस्तावित करने की स्थिति में आवश्यक रूप से 7 दिवस में आशय-पत्र जारी कर दिया जाएगा। सात दिवस में आशय-पत्र जारी नहीं करने की दशा में मान्य अनुमोदन पदाभिहित पोर्टल द्वारा जारी किया जाएगा। आशय-पत्र की पूर्ण राशि प्राप्त होने की तारीख से 4 दिवस में आवंटन आदेश जारी हो जाएगा। समयावधि में आवंटन आदेश जारी न करने की दशा में मान्य अनुमोदन पदाभिहित पोर्टल द्वारा जारी किया जाएगा। पट्टा अभिलेख के पंजीयन होने के बाद 3 दिवस में आधिपत्य दिया जायेगा। समयावधि में आधिपत्य प्रदान न करने की दशा में मान्य अनुमोदन पदाभिहित पोर्टल द्वारा जारी होगा।

 

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