कांग्रेस नेता ने कहा -सरकार की तरफ से उद्योग इकाइयों को राहत पैकेज देने का वादा भी निकला झूठा
कई औद्योगिक इकाइयां बंद होने के कगार पर
क्षेत्र के लगभग 15 हजार मजदूर भुखमरी के कगार पर
कांग्रेस नेता यदुनाथ सिंह तोमर ने बताया कि ग्वालियर चंबल अंचल में बानमोर और मालनपुर दो बड़े औद्योगिक क्षेत्र है। इन दोनों औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 500 से अधिक छोटी सी लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां संचालित होती हैं। यहां पर 12 से 15हजार मजदूर और कर्मचारी काम करते हैं। उद्योग क्षेत्र में जेके टायर, सूर्या, कैडबरी, मंगलम, सांची, पुंज लॉयड, स्लीप वेल और हॉट लाइन से लेकर कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इन सभी औद्योगिक इकाइयों का प्रोडक्शन बुरी तरह प्रभावित हो चुका है।
कोरोना महामारी के बाद इन सभी औद्योगिक इकाइयों को फिर से संचालित किया गया, लेकिन इन उद्योग इकाइयों के अभी भी हालात सुधरे नहीं है। कोरोना के कारण सबसे ज्यादा असर प्रोडक्शन पर हुआ है। बाजार में प्रोडक्शन की मांग सिर्फ 50 फीसदी तक ही रह गई है। इस कारण फैक्ट्रियों का सिर्फ खर्चा ही निकल पा रहा है।
कोराना महामारी के कारण अंचल में कई फैक्ट्री ऐसी है, जो आज भी बंद पड़ी हुई है, क्योंकि इन फैक्ट्रियों में माल की सप्लाई नहीं हो रही है। साथ ही कच्चा माल महंगा होने के कारण इनको फायदा नहीं पहुंच पा रहा है। इसके चलते अंचल की कई कंपनियां बंद पड़ी हुई है। उनका पूरा सामान धूल खा रहा है।
उन्होंने बताया कि जैसे-तैसे दोबारा औद्योगिक इकाइयों को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही थी, लेकिन एक बार फिर साल 2021 की शुरुआत में ही पूरे देश को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। प्रदेश में धीरे-धीरे पुन: लॉकडाउन की स्थिति
में आ गया है तो वहीं दूसरी तरफ फैक्ट्री संचालकों को भय सताने लगा है।अब चिंता इस बात की है कि सरकार ने अगर लॉकडाउन लगा दिया, तो औद्योगिक क्षेत्र पूरी तरह से टूट जाएगा।शायद फिर से कभी खड़ा नहीं हो पाएगा।वैसे ही सभी उद्योग इकाइयों घाटे में चल रही है।ऐसे में अगर हालात बिगड़ते हैं, तो इन फैक्ट्रियों को उभरना मुश्किल हो जायेगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदेश महामंत्री यदुनाथ सिंह तोमर ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कोरोना काल में शिवराज सरकार की तरफ से इन उद्योग इकाइयों को किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिल पाई है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने गरीब मजदूरों और किसानों को सिर्फ धोखे में रखा है।अब मजदूर वर्ग पाई-पाई को मोहताज हो रहा है।कोराना काल में कई फैक्ट्रियों पर लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया है, लेकिन अभी तक उन बिलों को माफ नहीं किया गया। साथ ही सरकार की तरफ से उद्योग इकाइयों को राहत पैकेज देने की बात की गई थी, लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं हो पाया है।
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