इस बार अक्षय तृतीया 14 मई 2021 दिन शुक्रवार को है। यह 14 मई को सुबह 5:38 बजे से शुरू होकर 15 मई 2021 को सुबह 07:59 बजे तक रहेगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी में कहा कि अक्षय तृतीया व परशुराम जयंती मानस योग व बृष संक्रांति के साथ चतुर्ग्रही योग में होने से मनुष्यों जे लिए आने बाला समय अनकूल बनेगा। इस दिन उच्च राशि बृष के चन्द्रमा के साथ स्व राशि के शुक्र,बुध,उच्च के राहू भी होंगे रात्रि 11:23 बजे से सूर्य भी मेष से संक्रमण कर बृष राशि मे होगा। इस लिए यह दिन दान, पुण्य,जप आदि के लिए खाश बनेगा जो मनुष्यो रोग महामारी से राहत देगा।
सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण किसी भी तरह के शुभ कार्य सगाई,विवाह,ग्रह निर्माण, ग्रहप्रवेश, व्यापार आरम्भ विना मुहुर्त के ही अबूझ मुहूर्त में किये जा ते है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान का दोगुना फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस दिन जिन कन्याओं के विवाह गुरु के चार,आठ,बारह होने से ओर वर के सूर्य, चंद्र बलहीन होने पर भी इस दिन अबूझ मुहुर्त होने से सभी के विवाह हो सकते है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते प्रचूर मात्रा में इस दिन अबूझ मुहूर्त मके विवाह नही होंगे।
अक्षय तृतीया के दिन कन्या दान का फल अनेक यज्ञों से ज्यादा होता है। इस दिन जुटाए गए भौतिक संसाधन हमारे जीवन में हमेशा बने रहते है। चूंकि इस दिन अबूझ मुहूर्त होने से कोई भी शुभ कार्य या नया कार्य कर सकते हैं. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन लोग नए काम की शुरुआत करने के साथ ही बर्तन, सोना, चांदी और अन्य कीमतीं वस्तुओं की खरीदारी करते हैं। माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना पीढ़ियों के साथ बढ़ता जाता है।यह भी मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से सुख-समृद्धि की अपार वृद्धि होती है, घर-परिवार में सदैव खुशहाली बनी रहती है।
धार्मिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सूर्य की किरणें बहुत तेज होती है. सोने का संबंध सूर्य से होता है, इस लिए अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना शक्ति और ताकत का प्रतीक माना जाता है.
पूजा विधि
अक्षय तृतीया के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके अक्षत, पुष्प, धूप-दीप और नैवेद्य से सूर्य देव की पूजा की जाती है. मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर गंगा नदी में स्नान करने से भक्त को सभी पापों से मुक्ति मिलती ,लेकिन इस बार कोरोना नियमो के तहत किसी भी नदी में स्नान करना सम्बभव नहीं न ही विवाह ,ग्रहप्रवेश आदि मुहुर्त हो सकेंगे।
अपने घरों पर रहकर ही स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान सूर्य नमस्कार पूजन घर से ही किया जाएगा एवं दान का संकल्प लेकर जब भी अनकूल परिस्थिति बने किसी भी माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को दान किया जा सकता है।
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