रविकांत दुबे AD News 24
ग्वालियर। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि विद्युत लाइनों, उपकरणों एवं खंभों से छेड़खानी करना विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है। जरा-सी असावधानी या छेड़खानी से बड़े-बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं। इसलिये सावधानियाँ बरतनी जरूरी हैं।
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि ऐसी लाइनें, जिनमें विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है यदि आँधी तूफान या अन्य किसी कारण से टूट गयी है, तो अकस्मात छूकर खतरा मोल न लें। लाइन टूटने की सूचना शीघ्र ही निकटस्थ बिजली कंपनी के अधिकारी को अथवा विद्युत कर्मचारी को दें। संभव हो तो किसी आदमी को उस जगह, अन्य यात्रियों को चेतावनी देने के लिये रखें। नये घर बनाते समय विद्युत पारेषण अथवा वितरण लाइन से समुचित दूरी रखें। यह कानून की दृष्टि से भी आवश्यक है। उचित फासले के विषय में स्थानीय बिजली कंपनी के अधिकारी से सलाह लें। आपके बच्चों एवं कुटुम्बीजनों की सुरक्षा के लिए यह अति आवश्यक है। खेतों खलिहानों में ऊँची-ऊँची घास की गंजी, कटी फसल की ढेरियॉं, झोपड़ी, मकान अथवा तंबू आदि विद्युत लाइनों के नीचे अथवा अत्यंत समीप न बनायें।
विद्युत लाइनों के नीचे से अनाज, भूसे आदि की ऊँची भरी हुई गाड़ियॉं न निकालें, इससे आग लगने एवं प्राण जाने का खतरा है। बहुत से स्थानों पर बच्चे पतंग अथवा लंगर का खेल खेलते तरह-तरह के धागे और डोर विद्युत लाइनों में फंसा देते हैं। ऐसा करने से उन्हें रोकें। लाइनों में फंसी पतंग निकालने के लिए बच्चों को कभी भी खंभे पर चढ़ने न दें। लाइन पर तार या झाड़ियां न फेकें। यदि कोई ऐसा करता है तो इसकी सूचना पास के पुलिस थाने या विद्युत कंपनी के वितरण केन्द्र में दें। विद्युत लाइनों के पास लगे वृक्ष या उनकी शाखा न काटें। यदि कटी डाल लाइन पर गिरे, तो आपके लिए घातक सिद्ध हो सकती है। बिजली के तारों पर कपड़े आदि डालना दुर्घटना को निमंत्रण देना है। अपने खेत-खलिहान पर या संपत्ति की सुरक्षा के लिये अवरोधक तारों (फेन्सिंग वायर्स) में विद्युत प्रवाहित न करें। यह कानूनी अपराध भी है। इस प्रकार विद्युत का उपयोग करने वालों पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। बिजली के खंभों पर कदापि न चढ़ें एवं स्टे-वायर आदि विद्युत उपकरणों से छेड़खानी न करें। ऐसा करने से आपका जीवन संकट में पड़ सकता है। बिजली के खंभों या स्टे-वायर से जानवर आदि न बाँधें और न ही इससे जानवरों को रगड़ने दें। इससे जन-धन की हानि हो सकती है।
यदि कोई व्यक्ति सजीव (चालू लाइन के) तारों के संपर्क में आ जाता है तो स्विच से विद्युत प्रवाह तुरंत बंद कर दें। यदि स्विच बंद न कर सकें, तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी, सूखा कपड़ा या सूखी लकड़ी की सहायता से सजीव तारों से अलग करें। ऐसा न करने से सहायता करने वाले को भी झटका (शॉक) लग सकता है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सजीव तारों से शीघ्र ही अलग करें, क्योंकि एक सेकेण्ड की देरी भी घातक हो सकती है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी जमीन या सूखे फर्श पर लिटायें एवं कृत्रिम सांस देकर उसका प्रथमोपचार करें। डॉक्टर को तत्काल बुलाकर कृत्रिम श्वांस देवें अथवा उसे शीघ्र अस्पताल पहुँचायें। घरों में बिजली के तार सुव्यवस्थित ढंग से लगावें। अव्यवस्थित एवं ढीले-ढाले या झूलते तार खतरे से खाली नहीं है। सभी विद्युत यंत्रों के उपयोग में सावधानी बरतें। घरेलू उपकरणों एवं विद्युत फिटिंग का अर्थिंग करना अति आवश्यक है। सही अर्थिंग न होने से विद्युत दुर्घटना हो सकती है। प्रकाश/थ्रेशर चलाने के लिये लम्बे एवं जोड़ वाले तारों का उपयोग न करें। थ्रेशर के तारों को बिजली कंपनी की लाइनों से अनधिकृत रूप से न जोड़ें। ऐसा करने से दुर्घटना हो सकती है एवं आपके विरूद्ध विद्युत चोरी का इल्जाम लगाया जा सकता है और कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
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