21 जून को पांच बड़े संयोग जुड़ने जा रहे हैं जिससे वर्षा अच्छी होगी और कोरोना महामारी रोग का अंत होगा


21 जून को इस बार पांच बड़े संयोग बन रहे हैं इस दिन विश्व योग दिवस है, निर्जला एकादशी है, सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेगा, सूर्य सायन कर्क में दक्षिणायन वर्षा ऋतु के साथ साथ साल का सबसे बड़ा दिन रहेगा।

 ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन  ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार 21 जून को ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी है इसे निर्जला एकादशी के नाम से जानते हैं सभी वर्ष की चौबीस एकादशियों में इसका सबसे बड़ा महत्व है अगर पूरे वर्ष भर की एकादशी का व्रत कोई नहीं कर सकता तो केवल जेष्ठ शुक्ल एकादशी अर्थात निर्जला एकादशी का उपवास ही सभी एकादशी का फल प्रदान करता है ।

21 जून को भारत में विश्व योग दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति के जीवन की दिनचर्या में योग जरूरी है।

21 जून को ही आद्रा नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश से सूर्य सायन कर्क दक्षिणायन की यात्रा शुरू करेगा, वर्षा ऋतु का आरंभ भी इसी दिन हो जाएगा।

 इस दिन आद्रा नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश के समय मिथुन लग्न है। द्वादशी तिथि होने से मनुष्य निरोगी रहेंगे कोरोना महामारी का अंत होगा। इस दिन सोमवार होने से सर्वत्र वर्षाअच्छी होगी और व्यक्ति सुखी निरोगी रहेंगे। 

 विशाखा नक्षत्र में आद्रा के प्रवेश होने से रोग महामारी खत्म  होगी और दुनिया से कोरोना का अंत होने के योग है। सिद्धि योग होने से भी वर्षा अच्छी होगी। धान्य, वनस्पति, फल, फूल खूब होंगे जनता में सुख व्याप्त होगा। 

यह दिन साल का सबसे बड़ा दिन होगा और रात का मान सबसे छोटा होगा।

 ग्वालियर में दिन- 13 घण्टे 44 मिनिट रात 10 घण्टे 16 मिनिट। 

भोपाल में दिन-13 घण्टे 55 मिनिट रात 10 घण्टे 28 मिनिट की।

दिल्ली में दिन- 13 घण्टे 14 मिनिट रात 10 घण्टे 45 मिनिट की।

मुम्बई में दिन- 13 घण्टे 14 मिनिट रात्रि 10 घण्टे 45 मिनिट की

कोलकाता में दिन- 13 घण्टे 28 मिनिट रात 10 घण्टे 31 मिनिट की होगी।

 जैन ने बताया  यह खगोलिय घटना भारत में हर साल 21 जून को होती है इसलिए भारत में 21 जून को साल का सबसे बढ़ा दिन और साल की सबसे छोटी रात होती है। 

21 मार्च और 23 सितंबर को दिनऔर रात बराबर होती है। 

इस दिन सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध के लंबवत होता हैं, जिसके कारण सूर्य की किरणें भारत के मध्य से होकर गुजरने वाली कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है, जिससे सूर्य की किरणें अन्य दिन के मुकाबले इस दिन ज्यादा समय तक धरती पर रहती हैं। जिसके कारण साल का ये दिन सबसे बड़ा दिन होता है। इस दिन दोपहर में एक पल के लिए स्वयं की परछाई भी नही दिखती है।

ऐसा इसलिए होता है- पृथ्वी अपने अक्षांश पर साढ़े 23 डिग्री झुकी हुई होती है और इसी अवस्था में सूर्य की परिक्रमा करती है, मतलब सूरज के चारो और घूमती है। सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध तथा दक्षिणी गोलार्द्ध इसके सामने आते हैं। इस कारण दिन और रात का समय घटता और बढ़ता है। आमतौर पर सूर्य की किरणों पृथ्वी पर कम समय तक रह पाती हैं। लेकिन जब उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर पूरी तरह से झुका रहता है। ये करीब 23।44 अक्षांश पर होता है जिसके कारण उस समय सूर्य की किरणें ज्यादा देर तक पृथ्वी पर पड़ती है और दिन लंबा होता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

अब चांदी ही चांदी ,मगर किसकी ?

  आज कोई पोलटिकल या कम्युनल बात नहीं होगी क्योंकि आज का मुद्दा तेजी से उछल रही चांदी है चांदी को रजत भी कहा जाता है।  रजतपट का नाम तो आपने स...