सुरेश कुशवाह AD News 24
गुना। अक्सर हमने फिल्मों में देखा है की पुलिस किसी आरोपी को पकड़ने के लिए चलती बस में उनसे भीड़ जाती है या फिर चलती ट्रैन में पुलिस और बदमाशों के बीच जद्दोजहद के सीन हुआ करते हैं। ऐसा ही एक मामला गुना पुलिस के साथ आरोपियों को पकड़ने के दौरान हुआ। चलती ट्रैन में पुलिस और बदमाशों के बीच 15 मिनिट तक हाथापाई होती रही। दो पुलिस कर्मियों ने आरोपियों को कई मिनटों तक अपने बाजुओं में दबाये रखा , जिसके बाद वो पकड़ में आ पाए।
एसपी राजीव कुमार मिश्रा ने बताया की जिले के कई थानों में दर्ज मामलों में फरार चल रहे दो पारदी बदमाशों के साबरमती ट्रैन से बीना तरफ जाने की सूचना से मिली थी। इसी सूचना पर से साइबर सेल की टीम और दो थानों की टीम को इनको पकड़ने के लिए भेजा गया। इन दोनों बदमाशों पर 33 हजार रूपये का इनाम था।
पुलिस की टीम ट्रैन से आगे आगे अशोकनगर जिले के मुंगेली स्टेशन पर पहुंची। ट्रैन वहां पहले पहुँच चुकी थी। जैसे ही पुलिस टीम ट्रैन में चढ़ रही थी , उसी समय ट्रैन चल दी। मुंगावली स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रैन का स्टॉपेज केवल दो मिनिट का ही होता है। केवल दो पुलिसकर्मी ही ट्रैन में सवार हो पाए। एक प्रधान आरक्षक तो चलती हुई ट्रैन में बमुश्किल चढ़ पाए।
इन्ही दोनों पुलिसकर्मियों ने ट्रैन में बदमाशों को ढूँढना शुरू किया। ट्रैन के एस-2 कोच में सायबर सेल के प्रभारी अमित अग्रवाल को एक महिला दिखाई दी। वह पारदियों की तरह कपडे पहने हुई थी। शक होने पर महिला से उसका नाम पूछा गया तो उसने अपना नाम और गांव का नाम बता दिया। पुलिस समझ गयी की यही महिला उन बदमाशों के साथ है। पुलिस ने महिला से दोनों पारदी बदमाशों के बारे में पुछा तो उसने कुछ नहीं बताया और बोली की उसे नहीं पता। इनका रिजर्वेशन डी-2 बोगी में था पर ये एस -2 में बैठे हुए थे। महिला ने बताया की वह बीना जा रही है।
इसी दौरान महिला चोरी छिपे ऊपर की बर्थ की तरफ देख रही थी। इसी से पुलिस को आशंका हुई और ऊपर सो रहे एक व्यक्ति को पुलिस ने जगाया। प्रधान आरक्षक ने एक काला बैग लटकाया हुआ था जो ट्रैन के टीसी जैसा लगता है। ऊपर लेटे व्यक्ति ने सोचा की यह टीसी हैं तो उसने अपना नाम नरसिम्हा पारदी बता दिया। आरक्षक ने उसे नीचे उतरने को कहा तो उसने अपने पैंट के हुक खोल लिए ताकि पैंट छोड़कर भाग सके।
उसे जैसे ही नीचे उतारा तो वह प्रधान आरक्षक सूर्येन्द्र मिश्रा के साथ हाथापाई करने लगा। इस दौरान महिला भी प्रधान आरक्षक के ऊपर झपटी। दोनों किसी तरह बचकर भागने की कोशिश में लगे रहे। आरक्षक के साथ लगभग 15 मिनिट तक दोनों ने हाथापाई की। इसमें आरक्षक की शर्ट और बैग बुरी तरह फट गए , लेकिन आरक्षक ने उस व्यक्ति को नहीं छोड़ा। आरोपी ने आरक्षक से छूटने का हरसंभव प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। 15 मिनिट तक हाथापाई के बाद जब पुलिस की बाकी टीम पहुंची तब जाकर वह गिरफ्त में आया।
इस बर्थ के तीन बर्थ बाद साइबर सेल प्रभारी को एक और व्यक्ति लेटा हुआ दिखा। उसे पकड़कर नीचे उतारा और नाम पूछा तो उसने अपना नाम कोहिनूर पारदी बताया। उसे पकड़कर इन दोनों के पास ले आये। उसने ज्यादा जद्दोजहद नहीं की। इसी दौरान दोनों पुलिसकर्मियों ने दोनों बदमाशों को अपने बाजुओं में दबाये रखा।
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