जूनियर डाक्टरों की हड़ताल मरीजों के लिए बनी परेशानी, ओपीडी में नहीं मिल रह उपचार

रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर। कोरोना, वायरल इंजेक्शन एवं अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के लिए जूडा की हड़ताल परेशानी बन गई है। जीआरएमसी के जूनियर डाक्टरों की हड़ताल जारी रही।  हड़ताल के कारण ओपीडी में चेकअप के लिए पहुंचे मरीज घंटो डाक्टरों के कक्ष के बाहर इंतजार करते रहे, लेकिन डाक्टर नहीं पहुंचे। वहीं ईएनटी एवं मेडिसिन विभाग में दो वरिष्ठ चिकित्सकों के अवकाश पर होने से दिक्कत अधिक बढ़ गई। मेडिसिन विभाग में भी वरिष्ठ चिकित्सकों की कोविड और केआरएच में ड्यूटी लगी है। इस कारण ओपीडी में इन विभागों के डाक्टर नहीं बैठ रहे हैं।

उधर दो दिन से हड़ताल पर बैठे जूनियर डाक्टरों की मांगों को लेकर शासन ने भी सख्त रुख अपना लिया है। मध्यप्रदेश आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय ने भोपाल, इंदौर व जबलपुर के करीब दो सैकड़ा जूनियर डाक्टरों के रजिस्ट्रेशन रद कर दिए हैं। ग्वालियर के जूनियर डाक्टरों का भी रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रस्ताव विश्वविद्यालय के लिए भेज दिया गया है। शासन के सख्त रुख को देखते हुए जूडा भी आर-पार की लड़ाई के मूड़ में आ गया है। जूडा अध्यक्ष डा.देवेंद्र शर्मा का कहना है कि ग्वालियर सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर सामूहिक इस्तीफा देंगे। डा.देवेंद्र शर्मा ने बताया कि जूडा प्रतिनिधि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मुलाकात का प्रयास कर रहे हैं, पर उनकी मांगों को ब्यूरोक्रेट मुख्यमंत्री के समक्ष सही से प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं। एक बार मुख्यमंत्री जूडा से मुलाकात करें, जिससे उनके सामने अपनी बात को ठीक से रख सकें फिर जो भी शासन अपने हिसाब से निर्णय ले।


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