भाडरिया नवमी मुख्य रूप से विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए समाज और जनमानस में अबूझ मुहूर्त के लिए अधिक प्रचलित परंपरा है।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि 18 जुलाई रविवार को आषाढ़ शुक्ल नवमी तिथि पूरे दिन और रात्रि 12:28 बजे तक रहेगी। इस बार आखरी सपरिवार शुभ विवाह मुहूर्त 15 जुलाई का था 18 जुलाई भंडरीनवमी को परंपरागत विभाग के लिए अबूझ मुहूर्त जिन कन्या और वर के कोई शुद्ध मुहूर्त नहीं निकलते उनके या जो विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं वह भी इसे मुहूर्त मानकर विवाह बंधन में बंधते हैं।
जैन ने कहा अब ठीक 4 माह बाद 20 नवंबर को ही सपरिवार शुद्ध विवाह मुहूर्त पंचांग अनुसार हैं।
13 नवंबर को देव उठान एकादशी है इस दिन भी समाज में परंपरा है कि देव उठान एकादशी के दिन अबूझ मुहूर्त मानते हैं। इस दिन अनेक लोग इस दिन भी विवाह के बंधन में बधेगे परंतु इस बार 16 नवंबर तक सूर्य तुला राशि मैं रहने से देवथान एकादशी के दिन भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं है ।अतः इस बार इस दिन विवाह बंधन में बंधने से बचना चाहिए।
*कब कब और क्यों नहीं है विवाह मुहूर्त:-*
1- आषाढ़ शुक्ल षष्ठी दिनांक 16 जुलाई से कर्क राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे इससे कर्क संक्रांति से विवाह मुहूर्त नहीं है।
2- आषाढ़ शुक्ल एकादशी मंगलवार दिनांक 20 जुलाई से कार्तिक शुक्ल दशमी दिनांक 13 नवंबर तक हरीशयन काल रहने से विवाह मुहूर्त नहीं है।
3- 17 अक्टूबर से 16 नवंबर 2021 तक सूर्य के तुला राशि में रहने से विवाह मुहूर्त नहीं है।
4- श्राद्धपक्ष - भाद्र मास पूर्णिमा सोमवार दिनांक 20 सितंबर से अश्वनी कृष्ण अमावस्या बुधवार दिनांक 6 अक्टूबर 2021 तक महालय श्राद्ध पक्ष सभी शुभ कार्यों में वर्जित रहता है।
उपरोक्त कारणों से विवाह मुहूर्त न होने से शहनाई नहीं बजेगी।
*भडरियानवमी बिना मुहूर्त के विवाह क्यों :-* क्योंकि इसके तुरंत बाद 4 माह के लिए देव शायन एकादशी से भगवान विष्णु देव उठान एकादशी तक चतुर्मास समाप्ति तक योग निद्रा में चले जाते हैं ।
वैवाहिक जीवन का आरंभ लक्ष्मी नारायण के आशीर्वाद के बिना सुख - समृद्धि दायक नहीं होता ।
इसलिए देवशयन काल से तुरन्त पहले एक मौका विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त के रूप में मिलता है इसके अलावा समाज ने प्रचलन में बसंत पंचमी, फुलेरा दोज, अक्षय तृतीया, देव उठान एकादशी को भी विभाग के लिए अबूझ मुहूर्त प्रचलन में माना हैं। जबकि पंचांग और ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में यदि विवाह मुहूर्त हो तो ही विवाह बंधन में बंधना उचित है ज्यादातर इस समय सूर्य के अशुभ राशियों या अन्य कारणों से सपरिवार शुभ विवाह मुहूर्त नहीं होते हैं ज्योतिष और ज्योतिषी इस बात को मानते हैं वह इन अबूझ मुहूर्तो पर विवाह की सलाह कभी नही देते लेकिन लोकाचार का बहाना कहकर इन मुहूर्तो को अबूझ मुहूर्त संज्ञा देकर विवाह कर लिए जाते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें