मध्‍य प्रदेश में सितंबर-अक्टूबर में निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं

चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने की समीक्षा, कहा- अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाएंगे चुनाव

 भोपाल। प्रदेश में पंचायत से पहले नगरीय निकायों के चुनाव होंगे। महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली यानी पार्षदों के माध्यम से होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने गुरुवार को चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को मौजूदा प्रविधानों के अनुसार चुनाव संबंधी प्रक्रियाओं को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि सितंबर-अक्टूबर में निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।

बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि कोरोना के कारण चुनाव में काफी विलंब हो चुका है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण और टीकाकरण की स्थिति के मद्देनजर निर्वाचन करवाया जाना संभव है। पहले नगरीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे और फिर त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चुनाव की तैयारियों से जुड़ी जो भी प्रक्रिया बाकी रह गई है, उसे प्राथमिकता से पूरा कराएं। यह तैयारी पूरी होते ही निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। बैठक में नई अमिट स्याही खरीदने के लिए आदेश जारी करने के साथ निकायों में बनने वाले स्ट्रांग रूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

दो चरण में होंगे 347 निकाय के चुनाव

बैठक में बताया गया कि प्रदेश के 407 नगरीय निकायों में से 347 में चुनाव कराए जाने हैं। 60 निकायों का कार्यकाल अभी बाकी है। चुनाव  ईवीएम से दो चरण में कराए जाएंगे। पहले चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 निकायों में मतदान कराया जाएगा। इनमें सभी 16 नगर निगम शामिल हैं। चुनाव के लिए 19 हजार 955 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। तीन मार्च को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हो चुका है।

तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव

वहीं, पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराए जाएंगे। इसमें तीन लाख 77 हजार 551 पंच, 23 हजार 912 सरपंच, 23 हजार 912 उप सरपंच, छह हजार 833 जनपद पंचायत सदस्य, 904 जिला पंचायत सदस्य, 313 जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष और 52 जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराया जाएगा।


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