सरकार अशासकीय विद्यालय खोलने की घोषणा करे-प्राइवेट स्कूल एसोसियेशन

नहीं खोले जाने पर संचालक स्वतः खोलकर पढ़ायेंगे - अनिल दीक्षित
छात्रवृत्ति घोटाले में प्राइवेट स्कूल दोषी नहीं - कौशलेन्द्र

रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर। मध्यप्रदेश सरकार किस दावे व विश्वास के साथ कह रही है कि कोरोना की तीसरी लहर शीघ्र ही आने वाली है, जो नौनिहाल बच्चों को प्रभावित करेगी- इस कारण विद्यालय बंद रखे जा रहे हैं। उक्त भृत्सना करते हुये प्राइवेट स्कूल एसोसियेशन ग्वालियर-चंबल संभाग अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कही। कक्षा एक से 12 तक अशासकीय विद्यालय कोरोना गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश सरकार शीघ्र खोलने की घोषणा करें। नहीं तो स्कृल संचालक आक्रामक रूख अपनाते हुये आंदोलन करेंगे और स्वतरू ही विद्यालय खोलकर पढायेंगे। वे आज मध्यप्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसियेशन के अध्यक्ष अजीत सिंह के आवहान पर संभागीय आयुक्त आशीष सक्सैना एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को स्कूल संचालकों के साथ मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौप रहे थे।

संभागीय अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहा कि प्रदेश सरकार 18 माह से कक्षा एक से 12 तक बंद पडे अशासकीय विद्यालयों को कोरोना गाइड लाइन लागू कर खोलने की नहीं सोच रही है। इसके कारण बच्चों का भविष्य अंधकार मय होता जा रहा है। वहीं स्कूल शिक्षक एवं अन्य स्टॉफ बेरोजगारी से पीढित होकर भुखमरी के कगार पर खडा है। उन्होने कहा कि तीसरी कोरोना की लहर आई नहीं प्रदेश में सबकुछ ठीक ठाक है फिर भी सरकार स्कूल नहीं खोल रही है। प्रदेश सरकार की दमन कारी नीतियों से राज्य के ५५० स्कूल पूर्ण रूपेण बंद हुये हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों को निशुल्क राशन तो मुहैया करा रही है वह शाम को ठेके पर पहुंच कर नशीले पदार्थ का सेवन कर रहे हैं। वहीं मध्यम वर्गीय स्कूल संचालक और उनके शिक्षक एवं अन्य स्टॉफ आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से आर्थिक पैकेज अशासकीय स्कूल संचालकों को देने की मांग भी की।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष कौशलेन्द्र ने कहा कि शासन अशासकीय स्कूलों को गैर शिक्षणीय काम छात्रवृत्ति वितरण में हुये घोटाले का डर बैठा कर 2013 से 2021 तक की जानकारी मांग रही है जबकि स्कूल छात्र की छात्रवृत्ति मंजूर करता है ना ही वितरण करता है। यह सभी काम अभी तक संकुल केन्द्र के पासवर्ड से होता आ रहा है जानकारी भी संकुल के पास ही है । मान्यता निरस्त का डर दिखाकर जबरिया घोटाले को थोपने की साजिश कर दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराई जाना चाहिये।

एसोसियेशन के महामंत्री राजकरण सिंह भदौरिया ने कहा कि स्कूल बंद होने के बाबजूद नगर निगम संपत्ति कर , पानी, बिजली बिल व्यावसायिक वसूल रहा है। नहीं जमा करने पर कुर्की की धोंस दे रहा है। उन्होंने सभी करों को सामान्य दरों से वसूल करने की मांग भी की। वहीं कक्षा एक से 12 तक की मान्यता बिना निरीक्षण परीक्षण की भी मांग की।

इस मौके पर स्कूल संचालक केके श्रीवास्तव , धर्मेन्द्र गायकवाड, श्रीमती उमंग चतुर्वेदी, अनूप चौहान, एमपी श्रीवास्तव, रविकांत दुबे, गजेन्द्र , दिलीप तिवारी, प्रशांत तिवारी, राकेश कुशवाह, सिदार्थ बरोडी, अतुल पांडे , राजकुमार जैन, निजामुददीन, एनसी श्रीवास्तव, विमल सरदाना, विजय जैन, निर्देश शर्मा, महेन्द्र परिहार, मनोज धूपड, प्रशांत श्रीवास्तव , अशोक भार्गव, भाव सिंह लोधी, जावेद अली जोगेन्द्र कुलश्रेष्ठ सहित सैकडों स्कूल संचालक मौजूद थे।  


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