फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने में राज्य सरकार से हर संभव मदद मिलेगी – राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कुशवाह

 खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय में संभावनाएँ विषय पर सेमीनार का हुआ आयोजन

रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर | 
  मध्यप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) की अपार संभावनाएं हैं और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर रोजगार की सर्वाधिक संभावनाओं वाला क्षेत्र है। इसे अपनाकर उद्यमी अपनी आय के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ा सकते हैं। साथ ही बेरोजगारों को भी बड़े पैमाने पर रोजगार दे सकते हैं। फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के इच्छुक उद्यमियों को प्रदेश सरकार कच्चा माल, अनुदान और बाजार मुहैया करायेगी। यह बात प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने कही। श्री कुशवाह “खाद्य प्रसंस्करण व्यवसाय में संभावनाएँ” विषय पर आयोजित हुए सेमीनार में मौजूद उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे।
    सेमीनार का आयोजन शनिवार को यहाँ राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में कैट (कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स) और कृषि विश्वविद्यालय की सेंटर फॉर एग्री बिजनेस इक्यूवेशन एण्ड एंट्रोप्रेन्योरशिप कंपनी के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। ग्वालियर एवं चंबल अंचल के फूड प्रोसेसिंग इकाईयाँ स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों ने सेमीनार में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। साथ ही वर्चुअल रूप से प्रदेश के विभिन्न जिलों के उद्यमी इसमें शामिल हुए। सेमीनार की अध्यक्षता कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. एस के राव ने की। इस अवसर पर कैट के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र जैन तथा सर्वश्री रवि गुप्ता, दीपक पमनानी व मनोज चौरसिया सहित कैट के अन्य पदाधिकारीगण तथा कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता एवं प्राध्यापकगण मौजूद थे।
    राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री कुशवाह ने कहा आने वाला समय फूड प्रोसेसिंग का है। इसलिए उद्यमी बेझिझक इस क्षेत्र में आगे बढ़ें। प्रदेश सरकार फूड प्रोसेसिंग उद्यम स्थापित करने में कोई बाधा नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य उद्योग संवर्धन नीति के तहत उद्यमियों को बड़ी मदद देती है। सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग प्रोत्साहन योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत 25 प्रतिशत से ज्यादा अनुदान दे रही है। साथ ही उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के तहत भी कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए बड़ा अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके अलावा भारत सरकार के बागवानी बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से 2 करोड़ और उससे अधिक भी अनुदान प्राप्त किया जा सकता है। उद्यमी सरकार के अनुदान के आधार पर 5 हजार मैट्रिक टन और उससे बड़े कोल्ड स्टोर भी खोल सकते है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के तहत लगभग 10 हजार 500 छोटी औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित करने जा रही है, जिससे प्रदेश के 85 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। श्री कुशवाह ने जानकारी दी कि कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा सभी 52 जिलों के लिए “एक जिला – एक उत्पाद” कार्यक्रम लागू किया गया है।

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