किसान उत्पादक कंपनी बनने से बढ़ेगी किसानों की आमदनी - किशोर कन्याल

रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर | जिले में किसानो की उपज के समुचित दाम दिलाने और प्रसंस्करण के माध्यम से उपज में मूल्य संवर्धन करने के लिए किसान उत्पादक कंपनी (फार्मर्स प्रोडूसर कंपनी – एफपीओ ) सहायक होगी और इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी”। यह बात जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री किशोर कान्याल ने महिला स्व-सहायता समूहों एवं प्रगतिशील किसानों के लिए आयोजित हुई कार्यशाला में कही।

   शुक्रवार को जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री किशोर कन्याल ने बताया कि किसान कंपनी में महिलाओं की अधिक भागीदारी होगी। वर्त्तमान में महिला समूहों ने बैंकों के द्वारा जारी सी सी एल राशि का समुचित उपयोग किया और समय पर ऋण वापसी करते हुए बैंकों में अपनी साख बनाई है। यही कारण है की महिला समूहों को आय संवर्धन गतिविधियों के लिए ऋण देने के लिए बैंक तैयार हैं।

   कार्यशाला में बताया गया कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, नयी दिल्ली के द्वारा वित्त पोषित तथा मंथन ग्रामीण एवं समाज सेवा समिति द्वारा जिले के मुरार और घाटीगांव विकासखंड में एक-एक एफपीओ का गठन किया जा रहा है। उप-संचालक कृषि श्री आनंद कुमार बडोनिया ने जानकारी दी कि कंपनी के माध्यम से किसानों की उपज को ग्रेडिंग और प्रसंस्करण करते हुए बाज़ार में लांच किया जायेगा, इससे इनके उत्पाद की मूल्य वृद्धि हो सकेगी। श्री बडोनिया ने किसानों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी भी दी।

   वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. आर. पी. एस. तोमर ने खरीफ और दलहन फसलों की खेती के वैज्ञानिक तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पीला मोजेक (एक प्रकार की फसल की बीमारी) के कारण जिले में उड़द की खेती का रकवा घटा है, जबकि मोजेक प्रतिरोधक प्रजातियों के उपयोग से किसान लाभ कमा सकते हैं, इनकी पैदावार और समर्थन मूल्य खरीफ में बोई जाने वाली अन्य फसलों की तुलना में अधिक है।

   कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र डॉ. पी. के. एस. गुर्जर ने आलू की खेती की तकनीकी के बारे में बताया और कहा की चिप्सोना प्रजाति से किसान उत्पादक कंपनी चिप्स निर्माण कर देश विदेश में अपना कारोबार बढ़ा सकती है।

   सेण्टर फॉर इनोवेशन एंड डेवलपमेंट और मंथन संस्था के प्रतिनिधि श्री राजीव विश्वकर्मा ने सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे 10,000 एफ पी ओ बनाने के लक्ष्य एवं कार्यक्रम के उद्देश्यों के साथ साथ एफपीओ के गठन की पूरी रूप रेखा से अवगत कराया। एफपीओ के गठन के लिए कम से कम 300 किसानों के संगठन और सहकारिता में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।  

   सहायक संचालक उद्यानिकी श्री सुशील कुमार कौरव ने बताया की किसान भाई उद्यानिकी फसलों से ज्यादा लाभ कमा सकते हैं। आलू और कद्दू वाली फसलें यदि समय पर बोई जाएँ तो बाज़ार में सही कीमतें मिल जाती हैं। कंपनी के माध्यम से प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना एवं संचालन किया जाना है। जिले में शीघ्र ही टिश्यू कल्चर लैब स्थापित होने जा रही है, जिससे किसानों को समय पर उत्तम प्रजाति के बीज और पौधों की प्राप्ति होगी।   

   मंथन के विकास खंड प्रबंधक श्री अभिषेक ठाकुर एवं श्री आकाश तिवारी ने प्रतिभागियों को पंजीयन के आवश्यक दस्तावेजों के बारे में बताया। कार्यशाला में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूहों के पदाधिकारियों, प्रगतिशील किसानों, कृषि विस्तार अधिकारी एवं उद्यान अधीक्षकों ने हिस्सा लिया।

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