कलेक्टर ने हर बाढ़ प्रभावित गांव के लिए नियुक्त किये हैं नोडल अधिकारी
ग्वालियर | जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों में पारदर्षिता के साथ जल्द से जल्द नुकसान का सर्वेक्षण कराने के लिए विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी गांव-गांव में पहुंच गए हैं। जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को तात्कालिक सहायता भी वितरित कराई जा रही है। बाढ़ प्रभावित गांवों में चौपाल लगाकर लोगों की कठिनाइयां व समस्यायें सुनी जा रही हैं। साथ ही विशेष स्वास्थ्य शिविर व पशु चिकित्सा शिविरों का सिलसिला भी जारी है।
ज्ञात हो कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा प्रत्येक बाढ़ प्रभावित गाँव के लिए जिला स्तरीय अधिकारी को नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी है । नोडल अधिकारी बाढ़ प्रभावित गाँवों में हुई पशु हानि एवं मकानों का नुकसान व फसल नुकसान सहित आधारभूत संरचना व शासकीय परिसंपत्ति की क्षति का आंकलन के लिए किये जा रहे सर्वेक्षण और राहत वितरण पर निगरानी रख रहे हैं।
मंगलवार को प्रभारी उपसंचालक कृषि श्री एमके शर्मा ने ग्राम पवाया पहुंच कर सर्वेक्षण एवं राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होने सर्वे में जुटी टीम के सदस्यों से सम्पर्क कर कहा कि सर्वेक्षण का कार्य इस तरह से किया जाए जिससे गांव के किसी भी निवासी को कोई शिकायत न रहे। उन्होने गांव में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए जा रहे भोजन को भी परखा। इसी तरह डबरा के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री प्रदीप कुमार शर्मा ने ग्राम विर्राट पहुंच कर सर्वे कार्य का जायजा लिया। साथ ही चौपाल लगाकर बाढ़ प्रभावितों की समस्यायें व कठिनाइयां सुनीं।
ग्राम चांदपुर में पशु चिकित्सा शिविर लगाकर गांवभर के पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर निशुल्क दवायें वितरित की गयीं। जिला शिक्षा अधिकारी श्री विकास जोशी अपने प्रभार के गांव में पहुंचे और सर्वेक्षण के साथ-साथ खाद्यान वितरण कराया। भितरवार में जनअभियान परिषद के स्वयंसेवक भी बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता वितरण में मदद करने पहुंचे ।
ज्ञात हो बीते दिनों जिले में हुई अति वृष्टि एवं बाढ़ से कुल 46 गाँव प्रभावित हुए हैं इनमें डबरा विकास खण्ड के 18 गांव एवं भितरवार विकास खण्ड के 23 गाँव एवं घाटीगाँव विकास खण्ड के पांच गाँव शामिल हैं । हर बाढ़ प्रभावित गाँवों में नुकसान सर्वेक्षण के लिए दो सर्वे दल बनाये गये हैं । सर्वेक्षण दल में राजस्व एवं ग्रामीण विकास व कृषि विभाग के कर्मचारी शामिल किये गये हैं ।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने नोडल अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के दायित्व सौंपे है । उन्होने निर्देश दिये है कि गाँव के क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्य को भी राहत वितरण के पर्यवेक्षण कार्य में भागीदार बनायें । सर्वेक्षण दल गाँव में पहुंचने के बाद ग्रामीवासियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सर्वेक्षण और राहत वितरण कार्य की प्रकिया के बारे में विस्तार से समझाये साथ ही अगर कोई व्यक्ति इस काम में सहयोग करना चाहे तो उसे भी शामिल करें ।
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