हर घर शुभ योगों में जन्मेगे कान्हा

 कान्हा के नाम आते ही उनके बाल स्वरूप उनकी लीलाये गोपियों के साथ की यादें हर किसी के ताजी होजाती है।   मन को आकर्षित करती है।

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म 30 अगस्त मध्य रात्रि को स्थिर योग,सोमवार,रोहिणी नक्षत्र,बृषभ (उच्च) राशि के चन्द्रमा के संयोग में इस बार हर घर जन्म लेंगे । कान्हा के जन्म के समय ग्रह योगों की जो स्थिति थी अधिकांश वैसी ही स्थिति बन रही है।

  उनका जन्म बड़ी धूम-धाम से मनेगा

जैन ने कहा कि अधिकांस योग श्री कृष्ण के जन्म के समय जैसे है। बुध ग्रह अपनी कन्या राशि मे,सूर्य अपनी सिंह राशि मे चन्द्रमा अपनी उच्च बृषभ राशि मे रोहिणी  नक्षत्र,सोमवार,अष्टमी तिथि आदि संयोग इस बार बने है। जो व्रतार्थी कि मनोकामना पूर्ण करने बाले सुख ,शांति देने बाले है।

 भाद्रमास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि का आरंभ 29 अगस्‍त को रविवार को रात 11 बजकर 25 मिनट पर होगा। अष्‍टमी तिथि 30 अगस्‍त को रात में 1 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। इस हिसाब से व्रत के लिए उदया तिथि को मानते हुए 30 अगस्‍त को जन्‍माष्‍टमी होगी। इसलिए देश भर में जन्‍माष्‍टमी 30 अगस्‍त को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्‍त की रात को 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

कुल पूजा का समय 45 मिनिट रहेगा।

 व्रत पारण समय:-

31 अगस्त को सुबह 9 बजकर 44 मिनट बाद व्रत का पारण कर सकते हैं क्योकि

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ- 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से

रोहिणी नक्षत्र समापन- 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र यदि हो तो पारण उसके समाप्ति उपरांत ही करे।

कैसे करे व्रत:-

 सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।लड्डू गोपाल की आरती करें।इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व:-

श्री कृष्ण जन्माष्टमी का बहुत अधिक महत्व होता है।इस दिन विधि- विधान भगवान श्री कृष्ण की पूजा- अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।इस दिन पूजा- अर्चना करने से निसंतान दंपतियों को भी संतान की प्राप्ति हो जाती है। शनि ,राहु केतु की पीड़ा भी शांत होती है। व्यक्ति के सभी मनोरथ पूर्ण होते है।

रात्रि में हुआ था भगवान श्री कृष्ण का जन्म इसलिए

 श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा- अर्चना रात्रि में ही की जाती है।

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