हाईकोर्ट में नेशनल लोक अदालत 11 सितम्बर को तैयारियाँ जारी, विद्युत प्रकरणों में मिलेगी विशेष छूट

ग्वालियर |  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नईदिल्ली के निर्देशानुसार उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में भी शनिवार 11 सितम्बर को प्रशासनिक न्यायाधिपति एवं को-चेयरमेन उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति श्री शील नागू के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन होगा। नेशनल लोक अदालत की तैयारियाँ जारी हैं। इस सिलसिले में प्रकरणों के निराकरण के लिये बीमा कंपनियों के अधिवक्ताओं के साथ प्री-सिटिंग भी हो रही हैं।

    नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अंतर्गत चैक बाउंस प्रकरण, बैंक वसूली, मोटर दुर्घटना क्लेम अपील, श्रम प्रकरण, विद्युत व जल कर, वैवाहिक प्रकरण, भू-अधिग्रहण, सर्विस व सेवानिवृत्ति स्वत्व भुगतान संबंधी रिट पिटीशन सिविल प्रकरण एवं राजस्व प्रकरण सहित राजीनामा योग्य अन्य प्रकरणों का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा।

राज्य शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत प्रकरणों में दी जायेगी विशेष छूट

   नेशनल लोक अदालत में ऊर्जा विभाग (विद्युत) से संबंधित प्रकरणों का निराकरण भी किया जाएगा। राज्य शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत प्रकरणों में छूट के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता शर्तों का मसौदा जारी कर दिया गया है।

कंपनी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि धारा 126 एवं135 के अंतर्गत लंबित प्रकरण एवं ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके हैं,ऐसे प्रकरणों के त्वरित निराकरण तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाये गये ऐसे प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति/अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, की प्रिलिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिये निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी।

   प्रिलिटिगेशन स्तर पर - कंपनी द्वारा आँकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आँकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

   न्यायालयीन लंबित प्रकरणों में - कंपनी द्वारा आँकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आँकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छःमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

लोक अदालत में छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगी

   आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आँकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा।

   आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा वैध कनेक्शन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।

नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किये उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। यह छूट मात्र नेशनल ‘‘लोक अदालत‘‘11 सितम्बर 2021को समझौते करने के लिये ही लागू रहेगी।

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