महिला स्व-सहायता समूहों को 161 श्रेणी में खाद्य प्रसंस्करण विभाग अनुदान देगा – भारत सिंह

स्व-सहायता समूहों की दीदियों के संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए राज्य मंत्री 
समूहों की दीदियों को सौंपे 171 लाख की सहायता राशि के चैक 

ग्वालियर / उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा है कि सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण एवं आत्मनिर्भर भारत की नई इबारत लिख रहीं महिला स्व-सहायता समूहों की दीदियों को आर्थिक गतिविधियाँ आगे बढ़ाने के लिये धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। महिला स्व-सहायता समूहों को खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा उत्पादों की 161 श्रेणियों में आर्थिक अनुदान मुहैया कराया जाएगा। श्री कुशवाह शुक्रवार को ग्वालियर में मध्यप्रदेश-डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों की दीदियों के साथ संवाद कर रहे थे।

यहाँ बाल भवन में आयोजित हुए संवाद कार्यक्रम में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री कुशवाह ने विभिन्न ग्रामों से आईं स्व-सहायता समूहों की दीदियों को आर्थिक गतिविधियाँ आगे बढ़ाने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लगभग 171 लाख रूपए की आर्थिक सहायता के चैक भी सौंपे। जिनमें 17 समूहों की 53 महिलाओं को खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों के 23 लाख 60 हजार रूपए और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा क्रेडिट लिंकेज के रूप में दी गई 95 लाख व सेंट्रल बैंक द्वारा प्रदत्त 53 लाख रूपए की राशि शामिल है। कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री किशोर कान्याल तथा सर्वश्री कप्तान सिंह सहसारी व नरेन्द्र सिंह किरार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मंचासीन थे। 

स्व-सहायता समूहों के संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री कुशवाह ने कहा कि महिलायें आत्मनिर्भर बनेंगीं तभी हमारा प्रदेश व देश आत्मनिर्भर बनेगा। सरकार द्वारा इसी ध्येय के साथ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक मदद मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं को स्कूली बच्चों के गणवेश तैयार करने का काम सौंपा है। साथ ही गेहूँ उपार्जन व शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के संचालन जैसे काम भी महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे गए हैं। ग्वालियर जिले में भी कुछ महिला समूहों ने सफलतापूर्वक यह जिम्मेदारी निभाई है। श्री कुशवाह ने कहा सरकार की मंशा है कि महिलायें कर्ज माँगने वाली नहीं कर्ज देने वाली बनें। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए योजनायें बनाई हैं। 

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री किशोर कान्याल ने जानकारी दी कि जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत अब तक 3236 महिला स्व-सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिनसे 36 हजार 945 परिवार जुड़े हैं। जिले में 306 ग्राम संगठन और 17 क्लस्टर लेवल फेडरेशन काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का 50 करोड़ से ऊपर का टर्न ओवर हो चुका है। इसमें से 37 करोड़ रूपए की राशि समूहों ने बैंकों को वापस कर दी है। खुशी बात है कि जिले का एक भी महिला स्व-सहायता समूह डिफॉल्टर नहीं है। श्री कान्याल ने बताया कि महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। फूलबाग स्थित ग्रामीण हाट बाजार में भी समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिये विशेष व्यवस्था की गई है। 

कार्यक्रम में श्री कप्तान सिंह सहसारी ने भी विचार व्यक्त किए। आरंभ में जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. विजय दुबे ने स्वागत उदबोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारी श्री न्यायमूर्ति पुरोहित ने किया। अंत में जिले के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के परियोजना अधिकारी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। 


समूहों की दीदियों को नर्सरियाँ स्थापित करने के लिये मदद 


राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्यानिकी विभाग महिला स्व-सहायता समूहों को नर्ससरियां स्थापित करने के लिये भी आर्थिक मदद मुहैया कराता है। प्रदेश की 116 नर्सरियों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 85 लाख उच्च कोटि के पौधे इस साल तैयार किए हैं। उद्यानिकी विभाग ने निर्णय लिया है कि प्रदेश की सभी 316 नर्सरियों में अब बाहर से पौधे नहीं खरीदे जायेंगे। नर्सरी में ही पौधे की नर्सरी तैयार की जायेंगीं। महिला स्व-सहायता समूह इसका लाभ उठा सकते हैं। 


स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्य अतिथि को सौंपी मसालों की टोकरी 


भयपुरा ग्राम की महिलाओं के जय माता दी स्व-सहायता समूह द्वारा सफलतापूर्वक उच्च कोटि के मसाले तैयार किए जा रहे हैं। इन मसालों की बिक्री से उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। समूह की महिलाओं ने कार्यक्रम में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री भारत सिंह कुशवाह को मसाला उत्पादों की एक टोकरी सौंपी। 


सफलता की काहानी दीदियों की जुबानी 


राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में गठित स्व-सहायता समूहों की दीदियों ने सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए प्रतिमान गढ़े हैं। बाल भवन में आयोजित हुए संवाद कार्यक्रम में समूहों की दीदियों ने अपनी जुबानी सफलता की दास्ताएँ सुनाईं। 

ग्राम कल्याणी से आईं अली स्व-सहायता समूह की अध्यक्षा श्रीमती रहीसा बेगम का कहना था कि हमने समूह के जरिए 80 से अधिक ग्रामीण महिलाओं को रोजगार दिया है। वे बोलीं समूह से जुड़ने से पहले हम दीन-दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं जानते थे। अब हमारा आत्मविश्वास बढ़ गया है। कोरोना संकट के दौरान हमारे गाँव के समूह ने 80 हजार मास्क तैयार किए। समूहों से जुड़ीं गाँव की हर दीदी लगभग 16 से 17 हजार रूपए प्रतिमाह कमा रही हैं। 

इसी तरह अपने – अपने गाँव में बैंक सखी के नाम से मशहूर श्रीमती पुष्पा कुशवाह व श्रीमती रजनी जैतवार का कहना था कि अगर हम समूह से नहीं जुड़ते तो अभी तक केवल रोटियाँ बेल रहे होते। पुष्पा का कहना था कि हमारी खुद की दुकान है और गाँव की कई महिलाओं को हमने समूहों के जरिए रोजगार दिलाया है। मशरूम वाली दीदी के नाम से प्रसिद्ध ग्राम समूदन निवासी श्रीमती अनीता जाटव का कहना था कि हमने समूह से मिली मदद के जरिए मशरूम का उत्पादन शुरू किया। देखते ही देखते इससे हमारे परिवार के तो दिन ही फिर गए। हमने गाँव की अन्य महिलाओं के साथ मिलकर स्व-सहायता समूहों के जरिए दाल, अचार व चिप्स इत्यादि  बना रहे हैं, जिससे हम सबको स्थायी आमदनी का जरिया मिल गया है और बैंकों में भी साख बढ़ गई है। अनीता का कहना था कि जो बैंक वाले पहले हमें बिल्कुल भी तवज्जो नहीं देते थे वे अब चाय पिलाकर हमारी आवभगत करते हैं। 

गेहूँ उपार्जन के काम से जुड़े ग्राम चीनौर के चाड़ौल माता स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती नारायणी बाथम ने इस साल महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सफलतापूर्वक सरकार के गेहूँ उपार्जन कार्यक्रम का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस कार्य से हम सबका मनोबल बढ़ा है। इसी तरह ग्राम भयपुरा की जय माता दी समूह की अध्यक्ष श्रीमती रीमा कुशवाह और बंधौली ग्राम की पार्वती समूह की अध्यक्ष श्रीमती ललिता राजपूत, खाद्य प्रसंस्करण से जुड़कर आत्मनिर्भर बन गई हैं। ललिता राजूपत दीदी कैफे का सफल संचालन कर रही हैं। ग्राम निकोड़ी से आईं समाधि बाबा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती ऊषा रावत ने पौधों की नर्सरी स्थापित कर सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

बहनें लाड़ली हैं तो भाई लाडले क्यों नहीं ?

  मध्यप्रदेश में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना और उससे मिलती जुलती महतारी योजनाओं ने भाजपा और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को सत्ता तक पहुंचा दिया ,लेक...