आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 2 अक्टूबर को पंचायतों में 75-75 पौधे लगायें

ग्वालियर-चंबल कमिश्नर ने दिये अधिकारियों को निर्देश

ग्वालियर | स्वतंत्रता के 75वें आजादी वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस महोत्सव के तहत प्रत्येक पंचायत स्तर पर 75-75 पौधे 2 अक्टूबर गांधी जंयती पर लगाने का निर्णय लिया गया है।    

    यह निर्देश ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने शुक्रवार को ग्वालियर-चंबल संभाग के कलेक्टरों, सभी जिला पंचायतों के सीईओ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दिये। कमिश्नर श्री सक्सेना वर्चुअल मीट के माध्यम से कलेक्टरों को संबोधित कर रहे थे। वर्चुअल मीट में ग्वालियर रेंज के आईजी श्री अविनाश शर्मा, चंबल रेन्ज के प्रभारी आईजी श्री सचिन अतुलकर, चीफ कन्जरवेटर फोरेस्ट श्री शशि मलिक, चंबल संभाग के अपर आयुक्त श्री अशोक कुमार चौहान सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी अपने-अपने स्तरों से जुड़े हुये थे।

    वर्चुअल मीट को संबोधित करते हुये कमिश्नर श्री सक्सेना ने कलेक्टरों को निर्देश दिये कि यह वर्ष 75वी आजादी वर्ष के रूप में अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के तहत 2 अक्टूबर गांधी जयंती के पर्व पर प्रत्येक पंचायतों में 75-75 पौधे रोपने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। सभी कलेक्टर अपने-अपने स्तर से पंचायतों में स्थलों का चयन कर लें। आजादी के महोत्सव के तहत अधिकांश पौधे औषधी गूगल, अश्वगंधा, सफेद मूसली जैसे पेड़ों का भी रोपण कर उनका संरक्षण करें।

    कमिश्नर ने यह भी कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग सहित प्रदेश के सभी जिलों में 71 लाख पौधों का रोपण सभी विभागों के सहयोग से अतिरिक्त रूप से किया जाना है। इसके आदेश राज्य शासन से जारी होने वाले है। सभी जिलों के वनमण्डलाधिकारियों को लक्ष्य तय करके दिया जा रहा है, लेकिन वृक्षारोपण सभी विभागों के समन्वय से होना है। उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष मानसून 15 अक्टूबर तक रहने का अनुमान है।   

    कमिश्नर ने कहा कि अंकुर अभियान के तहत दिये गये लक्ष्य की अभी तक पूर्ति नहीं हुई है। इस अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम चलते रहें। अंकुर अभियान में हेल्दी बड़े पौधे ही लगाये जायें, इन वृक्षों को लगाने के लिये सार्वजनिक स्थलों का चयन करके उनके संरक्षण करने की जिम्मेदारी भी उठायें।

ग्रामीणों के झगड़ों को निपटाने के लिये बीट स्तर पर समाधान केन्द्र बनेंगे

ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने गूगल मीट के माध्यम से कहा है कि ग्रामीण स्तर पर शान्ति कानून व्यवस्था बनी रहे। ग्रामीणों के छोटे-मोटे झगड़े वहीं निपटे, उन्हें जिला स्तर पर अपने झगड़े शिकायतों को लेकर नहीं आना पड़े। इसके लिये वीट सिस्टम लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस सिस्टम के तहत वीट स्तर पर मुख्यालय बनाकर प्रत्येक मंगलवार को सुबह 9 बजे से पूर्वान्ह 11 बजे तक वहां का मैदानी अमला नायब तहसीलदार, पटवारी, राजस्व निरीक्षक सहित अन्य विभागों का मैदानी अमला मौजूद रहकर वहां के लोगों के झगड़ों का निपटारा करेंगे। पुलिस विभाग का आरक्षक इस वीट का प्रभारी रहेगा। प्रत्येक तहसील में जितनी वीट होगी, उन वीटों पर सोमवार को सुबह 9 से पूर्वान्ह 11 बजे तक उस तहसील के एसडीएम, तहसीलदार वीट पर निराकृत हो रहे प्रकरणों का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुपरविजन करेंगे। यह वीट मुख्यालय को समाधान केन्द्र के रूप में जाना जायेगा।

    कमिश्नर ने कहा कि इस व्यवस्था में कोटवारों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशाओं सहित अन्य मैदानी अमले को जोड़ा जायेगा, जो गांव की हर गतिविधियों की जानकारी से अवगत करायेगा। जैसे कोटवार माफियाओं की मिलावट खोरों की जानकारी दे सकते है। तीज त्यौहारों में शान्ति भंग करने वालों की भी जानकारी दे सकते है। आंगनवाड़ी की महिलायें महिला अपराधों की जानकारी दे सकती है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर इसे मायक्रोलेवर पर प्लानिंग करके इन बीट समाधान केन्द्रों को प्रभावी अमला जामा पहनायें।     

 

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