हाईकोर्ट में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में 367 प्रकरणों का निराकरण

पीड़ित पक्षकारों को दिलाया 1.82 करोड़ से अधिक अतिरिक्त क्षतिधन

ग्वालियर |   राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं न्यायाधिपति श्री शील नागू के मार्गदर्शन में शनिवार को उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। नेशनल लोक अदालत के लिये हाईकोर्ट में बनी खण्डपीठों द्वारा कुल 367 प्रकरणों का आपसी सहमति के आधार पर निराकरण किया गया। साथ ही मोटर दुर्घटना क्लेम के अपील प्रकरणों में पीड़ित पक्षकारों को एक करोड़ 82 लाख 3 हजार से अधिक रूपए अतिरिक्त क्षतिधन के रूप में दिलाए गए।

    उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में नेशनल लोक अदालत के तहत प्रकरणों के निराकरण के लिये न्यायाधिपति श्री आनंद पाठक व सीनियर एडवोकेट श्री के एन गुप्ता, न्यायाधिपति श्री जी एस अहलूवालिया व सीनियर एडवोकेट श्री एन के गुप्ता एवं  न्यायाधिपति श्री आर के श्रीवास्तव व सीनियर एडवोकेट श्री जे डी सूर्यवंशी की खण्डपीठ गठित की गईं थीं। इन खण्डपीठों द्वारा 137 मोटर दुर्घटना क्लेम अपील, 89 कंटेम्प्ट पिटीशन, 64 रिट पिटीशन, 62 आपराधिक व 15 सिविल प्रकरणों सहित कुल मिलाकर 367 प्रकरणों का आपसी सहमति के आधार पर निराकरण किया गया।

    उच्च न्यायालय खण्डपीठ के विधिक सहायता अधिकारी श्री बृजेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि एक प्रकरण जिसमें 30 मार्च 2014 को प्रशांत नामक व्यक्ति आयशर ट्रक में बैठकर शिवपुरी से भिण्ड आ रहा था। तेजी से एवं लापरवाहीपूर्वक चलाया जा रहा ट्रक पलट गया, जिससे प्रशांत की ट्रक के नीचे दबने से मृत्यु हो गई। चालक ट्रक को छोड़कर भाग गया। उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर की लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम अधिकरण ग्वालियर द्वारा मृतक के वारिसान को दिलाए गए क्षतिधन में साढ़े चार लाख रूपए की वृद्धि की गई।

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