जागरुकता ही सायबर क्राइम से बचा सकती है: सुधीर अग्रवाल

रविकांत दुबे AD News 24

सायबर क्राइम पर सेमीनार ‘चेम्बर भवन` में सम्पन्न

ग्वालियर । सायबर क्राइम पर आज एक सेमीनार का आयोजन ‘चेम्बर भवन` में सायं 4.30 बजे मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक सायबर क्राइम- सुधीर अग्रवाल के आतिथ्य में किया गया।

सेमीनार के प्रारंभ में एमपीसीसीआई अध्यक्ष-विजय गोयल द्बारा पुलिस अधीक्षक सायबर क्राइम- सुधीर अग्रवाल का बुके देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर आपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि आवश्‍यकता ही आविष्कार की जननी है। हम जैसे-जैसे डिजिटल युग में प्रवेश कर रहे हैं, वैसे ही सायबर क्राइम भी बढ रहा है।  कार्ड क्लोनिंग, यूपीआई आदि से फ्रॉड दिन प्रतिदिन बढ रहे हैं और जागरुकता की कमी के चलते अपराधी इसका फायदा उठा रहे हैं। आज का सेमीनार इसी उद्देश्‍य से आयोजित किया गया है। हम सभी आज के सेमीनार से लाभांवित होंगे, ऐसी मैं कामना करता हूं।

पुलिस अधीक्षक सायबर क्राइम- सुधीर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह सेमीनार कोविड-19 के आने से पूर्व चेम्बर के मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल से हुई चर्चा अनुसार आयोजित किया जाना था परंतु आज स्थितियां सामान्य होने पर हम इसे कर पा रहे हैं। आपने कहा कि जब हमें कोई शारीरिक चोट पहुंचती है तो वह ठीक तो हो जाती है परंतु वह अपना निशान जरूर छोड़ जाती है। इसलिए आवश्‍यक है कि हम इससे बचें। इसी प्रकार सायबर क्राइम से जागरुकता के माध्यम से ही हम सुरक्षित रह सकते हैं और अपनी धनराशि को भी सुरक्षित रख सकते हैं। सायबर क्राइम के माध्यम से आज हमें कई प्रकार के फ्रॉड देखने को मिलते हैं जैसे-वीडियो कॉल, ओटीपी, ओएलएक्स, क्रेडिट कार्ड से पैसे निकल जाना आदि है। हर वर्ष इन अपराधों में दो से ढाई गुना की वृद्घि हो रही है। सायबर क्राइम के सबसे ज्यादा शिकार वह लोग होते हैं जिनके खातों में बड़ी धनराशि होती है। फ्रॉड होने पर यदि मामला ट्रेस हो भी जाता है तो धनराशि की रिकवरी मात्र 10 से 20  प्रतिशत मामलों में ही हो पाती है क्योंकि जो अपराधी हैं, वह फेक आईडी और सिम के माध्यम से यह करते हैं और इन मामलों में धनराधि को आधा घंटे में ही कई सारे एकाउंट में छोटी-छोटी राशि के रूप में ट्रांसफर कर दिया जाता है और जो खाते होते हैं वह विभिन्न राज्यों के अंदर होते हैं। जब हमारी पास इसकी सूचना आती है तो हमें घटना को ट्रेस करने में 10-15 दिन लग जाते हैं और तब हमारे पास यह मुश्‍किल होती है कि हम पहले किस राज्य में जायें-असम जायें, कर्नाटक जायें या फिर बिहार और जब हम किसी व्यक्ति तक पहुंचते हैं तो वह बिल्कुल निरक्षर, गरीब, देहाती व्यक्ति होता है जिसे देखकर ही यह समझ आ जाता है कि वह यह फ्रॉड कर ही नहीं सकता है।

कैसे बचें सायबर अपराध से:

पुलिस अधीक्षक सायबर क्राइम- सुधीर अग्रवाल ने बताया कि राज्य एवं जिला पुलिस द्बारा समय-समय पर एडवाइजरी जारी कर, आपको सचेत किया जाता है, इसलिए हमें हर एडवायजरी को ध्यान से पढना चाहिए और उसे आगे शेयर भी करना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उससे जागरुक हो सकें। हमें सायबर अपराध से जुड़ी न्यूज पढनी चाहिए। आप जितने ज्यादा इसमें जागरुक होंगे, उतने ही आप सुरक्षित हो जायेंगे। आपने कहा कि यदि कोई जब हमारे खाते में पैसे डाल रहा है तो उसे अपना पिन नंबर नहीं बतायें क्योंकि पिन की जरूरत पैसे निकालने में होती है, खाते में पैसे आने पर नहीं। इसी प्रकार जब भुगतान हेतु आपके पास ओटीपी आता है तो उसमें यह लिखा होता है कि आप किस चीज का भुगतान कर रहे हैं। इसलिए ओटीपी के साथ आये मैसेज को ध्यान से पढें। किसी भी डिजिटल लेन-देने का संबंधित व्यक्ति से बात करते हुए न करें क्योंकि वह बातों ही बातों में आपसे आपका पिन नंबर पूछ ही लेगा। यदि जरूरत न हो तो क्रेडिट कार्ड न लें क्योंकि बैंक आपके सिविल स्कोर के आधार पर आपकी क्रेडिट लिमिट बढाते जाते हैं जिसकी सूचना आपको भी नहीं होती है। अपने डेबिट कार्ड को मैनेज करें। मोबाइल में अपने किसी भी आईडी कार्ड की फोटो उसके पासवर्ड आदि सेव नहीं करें। मोबाइल में जो एप आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, उन्हें मोबाइल से अनस्टॉल कर दें क्योंकि कई सारे एप आपके डाटा परमीशन के आधार पर ही संचालित होते हैं। रिमोट एक्सेस एप जैसे-एनीडेस्क, टीमविवर मोबाइल में इंस्टॉल न करें। ओएलएक्स या किसी भी प्रकार का डिजिटली एडवांस पेमेंट न करें। जब भी नेट बैंकिंग करें तो वर्चुअल कीबोर्ड का ही इस्तेमाल करें। मोबाइल पर किसी भी अनचाही लिंक को ओपन न करें। पब्लिक वाई-फाई, मोबाइल हॉटस्पॉट का उपयोग न करें।

सुरक्षित बैंकिंग:-

एसपी सायबर क्राइम  अग्रवाल ने बताया कि इंटरनेट बैंकिंग सबसे ज्यादा सुरक्षित रहती है जबकि यूपीआई में फ्रॉड का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है। अपने कार्ड से जुड़ी गोपनीय जानकारी किसी से भी शेयर न करें।

सेमीनार के सवाल जवाब सेशन में उपाध्यक्ष-पारस जैन, कार्यकारिणी सदस्य-राजेश बांदिल ‘मनीष`, मनोज सरावगी, राजेन्द्र अग्रवाल, दीपक श्रीचंद जैस्वानी, सदस्य-आशीष अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, माधव अग्रवाल, आर.के. चोपड़ा आदि के द्बारा अपनी जिज्ञासाओं संबंधी सवाल किये गये, जिनका समाधान एसपी सायबर क्राइम श्री सुधीर अग्रवाल द्बारा किया गया। कार्यक्रम में पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-जगदीश मित्तल, कार्यकारिणी सदस्य-राजेन्द्र बिजपुरिया, संजय धवन आदि उपस्थित रहे।

सेमीनार   का संचालन- मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा तथा आभार कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह उपाध्यक्ष-पारस जैन द्बारा प्रदान किया गया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

भारत , वीटो और भारत की चेतावनी

भारत के पास वीटो पावर नहीं है फिर भी भारत अब पहले वाला भारत नहीं है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैस...