रविकांत दुबे AD News 24
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर हुए विवाद के मद्देनजर जारी हुआ है आदेश
ग्वालियर | सामाजिक सदभाव एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी के प्रतिवेदन के आधार पर यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है।
पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी ने प्रतिवेदन के माध्यम से जिला दण्डाधिकारी का ध्यान आकर्षित किया था कि गिरवाई नाके पर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का वर्चुअल अनावरण हुआ है। इस प्रतिमा को लेकर दो समुदाय के व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया मसलन, फेसबुक, वॉट्सएप, ट्विटर इत्यादि के माध्यम से विभिन्न प्रकार की पोस्ट डाली जा रहीं हैं, जिससे जातिगत सदभाव बिगड़ सकता है। साथ ही भविष्य में कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति भी बन सकती है। इसलिये दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाने की आवश्यकता है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि जिले की सीमा के भीतर इस घटना को ध्यान में रखकर किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना सक्षम अनुमति के अनावश्यक भीड़, धरना, प्रदर्शन, जुलूस व नारेबाजी इत्यादि गतिविधियाँ पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। साथ ही जिले की सीमा में कोई भी व्यक्ति ऐसे विस्फोटक आयुध आदि सामग्री लेकर नहीं चल सकेगा, जिससे खतरा उत्पन्न हो सकता हो। साथ ही मोथरे हथियार मसलन लाठी, डंडा, सरिया, फावड़ा, गैंती, बल्ला, हॉकी इत्यादि का प्रदर्शन, प्रयोग एवं धारण करना प्रतिबंधित रहेगा।
किसी भी प्रकार के कट-आउट, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स, होर्डिंग्स व झंडे आदि पर किसी धर्म, व्यक्ति, संप्रदाय, जाति या सामुदाय के खिलाफ नारे व भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल कदापि नहीं किया जा सकेगा। साथ ही इसका प्रकाशन एवं निजी व सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शन, लेखन व उदबोधन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी भवन, सम्पत्ति, मूर्ति अथवा मूर्ति स्थल पर आपत्तिजनक भाषा अथवा भड़काऊ नारे लिखे जाना, तोड़फोड़ व अन्य प्रकार से विरूपित करना प्रतिबंधित रहेगा।
ग्वालियर जिले की सीमा के अंतर्गत किसी भी वर्ग, धर्म एवं संप्रदाय विद्वेष संबंधी भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया मसलन फेसबुक, वॉट्सएप, ट्विटर आदि के माध्यम से फारवर्ड करना इस आदेश के जरिए प्रतिबंधित किया गया है।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 एवं अन्य दण्डात्मक प्रावधानों के तहत दण्डनीय होगा।
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