रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर हो कड़ी कार्रवाई

 

सभी जिलों में नाके स्थापित किए जाएँ , राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग के अधिकारी करें समन्वित प्रयास , संभाग आयुक्त एवं आईजी ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

ग्वालियर |   ग्वालियर-चंबल संभाग में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर कड़ी कार्रवाई की जाए। अवैध उत्खनन एवं परिवहन करने वालों के विरूद्ध पुलिस प्रकरण कायम करने के साथ-साथ उपयोग में लाए गए वाहनों को भी राजसात करने की कार्रवाई की जाए। संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने ग्वालियर-चंबल संभाग के जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की बैठक में यह बात कही। बैठक में ग्वालियर रेंज के आईजी श्री अविनाश शर्मा, चंबल रेंज के आईजी श्री सचिन अतुलकर सहित दोनों संभागों के जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित वन, राजस्व सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

    संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने समीक्षा बैठक में कहा है कि ग्वालियर – चंबल संभाग के सभी जिलों में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिये नाके स्थापित किए जाएं। सभी नाकों पर सीसीटीव्ही कैमरे भी लगाए जाएँ। इन नाकों पर 24X7 के लिये राजस्व, पुलिस, खनिज के अधिकारी तैनात किए जाएँ। इसके साथ ही जिन ठेकेदारों को रेत परिवहन का ठेका मिला है उनके व्यक्ति अगर बैठना चाहें तो बैठने की अनुमति दी जाए। नाकों पर चैकिंग प्रभावी हो और इसकी मॉनीटरिंग भी वरिष्ठ अधिकारी करें।

    संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने यह भी निर्देशित किया है कि वर्तमान वर्षा ऋतु में रेत के उत्खनन पर रोक लगी है। इस समय कहीं पर भी रेत का उत्खनन नहीं होना चाहिए। जिला कलेक्टरों के माध्यम से जिन ठेकेदारों को रेत संग्रहण की अनुमति दी गई है वे ही संग्रहण स्थल से परिवहन कर सकते हैं। बिना अनुमति के रेत संग्रहण करने वालों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाए। खनिज विभाग के माध्यम से जिन ठेकेदारों को रेत उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण की अनुमति मिली है उन्हें हर संभव सहयोग प्रशासन का मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।

    समीक्षा बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि बिना रॉयल्टी के कोई भी वाहन रेत, परिवहन करता पाया जाए तो उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही वाहनों में क्षमता से अधिक रेत का परिवहन करने वाले वाहन संचालकों के विरूद्ध भी कार्रवाई करें।

    ग्वालियर आईजी श्री अविनाश शर्मा ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण की शिकायतें मिलती हैं। इन शिकायतों पर जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक तत्परता से कड़ी कार्रवाई करें। अवैध उत्खनन के कार्य में लगे हुए लोगों के विरूद्ध पुलिस प्रकरण भी कायम किए जाएँ। अवैध उत्खनन में लगे वाहनों एवं मशीनरी को भी जब्त करने की कार्रवाई की जाए। राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग के समन्वय से रेत के अवैध कारोबार को सख्ती से रोका जा सकता है।

    आईजी चंबल रेंज श्री सचिन अतुलकर ने बैठक में कहा कि चंबल संभाग के भिण्ड एवं मुरैना में भी रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भण्डारण पर कड़ी निगरानी रखते हुए कार्रवाई की जाना चाहिए। राजस्व विभाग को पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर रेत के अवैध व्यवसाय में लगे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करें। खनिज विभाग का अमला भी निरंतर निगरानी करे और कहीं से भी अवैध उत्खनन, परिवहन की जानकारी मिलती है तो पुलिस एवं राजस्व विभाग के सहयोग से तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करें।  

ग्रामीणों के झगड़ों को निपटाने के लिये बीट स्तर पर समाधान केन्द्र बनेंगे

संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने समीक्षा बैठक में कहा है कि ग्रामीण स्तर पर कानून व्यवस्था बनी रहे। ग्रामीणों के छोटे-मोटे झगड़े वहीं निपटे, उन्हें जिला स्तर पर अपने झगड़े शिकायतों को लेकर नहीं आना पड़े। इसके लिये वीट सिस्टम लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस सिस्टम के तहत वीट स्तर पर मुख्यालय बनाकर प्रत्येक मंगलवार को सुबह 9 बजे से पूर्वान्ह 11 बजे तक वहां का मैदानी अमला नायब तहसीलदार, पटवारी, राजस्व निरीक्षक सहित अन्य विभागों का मैदानी अमला मौजूद रहकर वहां के लोगों के झगड़ों का निपटारा करेंगे। पुलिस विभाग का आरक्षक इस वीट का प्रभारी रहेगा। प्रत्येक तहसील में जितनी वीट होगी, उन वीटों पर सोमवार को सुबह 9 से पूर्वान्ह 11 बजे तक उस तहसील के एसडीएम, तहसीलदार वीट पर निराकृत हो रहे प्रकरणों का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुपरविजन करेंगे। वीट मुख्यालय को समाधान केन्द्र के रूप में जाना जायेगा।

    संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने कहा कि इस व्यवस्था में कोटवारों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशाओं सहित अन्य मैदानी अमले को जोड़ा जायेगा, जो गांव की हर गतिविधियों की जानकारी से अवगत करायेगा। जैसे कोटवार माफियाओं की मिलावट खोरों की जानकारी दे सकते है। तीज त्यौहारों में शान्ति भंग करने वालों की भी जानकारी दे सकते है। आंगनवाड़ी की महिलायें महिला अपराधों की जानकारी दे सकती है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर इसे मायक्रोलेवर पर प्लानिंग करके इन बीट समाधान केन्द्रों को प्रभावी अमलीजामा पहनायें।   

    संभाग आयुक्त एवं आईजी ग्वालियर रेंज ने बैठक में कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में समाधान केन्द्र प्रारंभ करने के लिये पूरी तैयारी करें। इसके लिये समाधान केन्द्रों पर तैनात किए जाने वाले राजस्व एंव पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की जाए। समाधान केन्द्र के माध्यम से अपराधों पर नियंत्रण करने के साथ-साथ ग्रामीणों की  छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण भी केन्द्र पर हो सकेगा। इसके साथ ही प्रशासन का सूचना तंत्र भी मजबूत होगा। समाधान केन्द्र ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में प्रारंभ होने से ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण में तेजी आयेगी।

राहत के प्रकरणों में तेजी से कार्रवाई हो

    संभागीय समीक्षा बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचारण निवारण के लंबित प्रकरणों के निराकरण पर भी विस्तार से चर्चा की गई। संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में राहत के लंबित सभी प्रकरणों की समीक्षा करें। प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाई जाए। पीड़ित लोगों को तत्परता से राहत मिल सके, इसके लिये विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टर प्रति सप्ताह आयोजित होने वाली अंतरविभागीय समन्वय समिति की बैठक में भी राहत के लंबित प्रकरणों की नियमित समीक्षा करें और उनके त्वरित निराकरण के संबंध में संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दें।

    आईजी ग्वालियर रेंज श्री अविनाश शर्मा ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण के प्रकरणों में पीड़ित व्यक्ति को त्वरित राहत राशि प्रदान की जाना चाहिए। पुलिस विभाग और राजस्व विभाग के साथ ही आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी राहत के प्रकरणों के निराकरण में प्रभावी कार्रवाई कर लोगों को समय पर राहत वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करें। पुलिस अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की कि राहत के प्रकरणों में पीड़ित व्यक्ति को न्यायालयों के माध्यम से तत्परता से न्याय मिले, इस दिशा में भी विशेष प्रयास जरूरी हैं।

कोविड एवं बाढ़ आपदा में सराहनीय कार्य के लिये प्रशस्ति पत्र

    संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने ग्वालियर-चंबल संभाग में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम, उपचार और टीकाकरण के कार्य के साथ ही बाढ़ की स्थिति में लोगों की जान बचाने और प्रभावित लोगों को तत्परता से राहत पहुँचाने के कार्य में उल्लेखनीय कार्य करने पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य विभागीय अधिकारियों की प्रशंसा की है। उन्होंने उल्लेखनीय कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र भी बैठक में प्रदान किए।


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