सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत मेल है -- जी. एस. मौर्य


Sandhyadesh

वैज्ञानिक सोच वाले 65 बाल वैज्ञानिक पुरूष्कृत
ग्वालियर/ सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल ज्ञान और मनोरंजन का अद्भुत मेल है। उक्त आशय के विचार अपर संचालक जनसम्पर्क  जी. एस. मौर्य ने कल यहां सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल पद्मा विद्यालय में संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने शिक्षा उसके व्यवहारिक पक्ष और वैज्ञानिक दृष्टिकोंण को जीवन में स्थान देकर बच्चों को आगे बढ़ने की अपील की। सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल के अंतर्गत आयोजित प्रतियोगिताओं में वैज्ञानिक सोच वाले 65 बाल वैज्ञानिकों को पुरस्क़त किया गया।
अपर संचालक मौर्य ने कहा कि विद्यार्थियों ने विज्ञान प्रतियोगिताओं में अपनी रूचि और समझ का जो परिचय दिया है वह समझ उन्हें दूर तक कामयाब बनायेगी। इनमें से कई प्रतिभायें आगे चलकर हमारे देश को अपने योगदान से लाभांभित करेंगी।Sandhyadesh
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पद्मा विद्यालय के प्राचार्य  अशोक श्रीवास्तव ने छात्रों की इस वैज्ञानिक समागम की भरपूर सराहना की। साथ ही कहा कि कोविड-19 का खतरनाक दौर पार करने के बाद आज छात्र/छात्राओं का इतना बड़ा समूह रचनात्मक और वैज्ञानिक सोच के साथ यहां बैठा हुआ है, यह बहुत ही सुखद है। उन्होंने विज्ञान परिषद और उनके सचिव को इस आयोजन के लिए पद्मा विद्यालय का चयन करने पर साधुवाद दिया।
इस आयोजन में भारी मात्रा में प्रतियोगियों के साथ साथ छात्र/छात्राऐं एवं अध्यापक अध्यापिकायें उपस्थित थे। इस अवसर विशिष्ट अतिथि  अशोक दीक्षित, सहायक जिला समन्वयक, माध्यमिक शिक्षा अभियान ने भी छात्रों से इस प्रकार के आयोजनों में पूरे उत्साह एवं जोश के साथ भागीदारी करने पर बल दिया। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों को वैज्ञानिक सोच विकसित करने में उत्प्रेरक का कार्य करते हैं।
इस अवसर पर विषय विशेषज्ञ डॉ. ज्योति प्रियदर्शनी ने कोविड-19 पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बच्चों को सावधान रहने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि मास्क लगाकर रखें और दूरी भी बनाकर रखें। यह आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद एवं युवा विज्ञान परिषद मध्य प्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल शासकीय पद्मा कन्या विद्यालय कम्पू, ग्वालियर में किया गया।  सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल के आयोजन का उद्देश्य सामुदायिक देखभाल और स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों के लिए विज्ञान की सार्वजनिक समझ को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल के माध्यम से वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करना है। आयोजन का मुख्य विषय कोविड-19 एवं इससे रोकथाम रखा गया था।
आयोजन के दौरान सांस्कृतिक विज्ञान पंडाल के लिए तैयार किये गये कोविड-19 पर आधारित लोकगीतों का प्रदर्शन किया गया जिसमें - घर में रहने, घर बाहर न जाउने, कोरोना काल कां हराउने, सबका जीवन सबका मन, स्वस्थ्य रखेंगे सबका तन आदि की प्रस्तुति दी गई। आयोजन के दौरान सीहोर से विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित  सुनील सारथी के निर्देशन में पुतल शो का आयोजन किया गया जिसमें कलकारों द्वारा ग्लब्स पपेट के माध्यम से कोविड-19 पर आधारित स्क्रिप्ट पर प्रस्तुति दी। आयोजन में विशेष रूप से  एस. सी. अरोरा, पूर्व संयुक्त संचालक, जन सम्पर्क, ग्वालियर, परिषद के सचिव सुनील आनंद, उत्कृष्ट विद्यालय की डॉक्टर दीप्ती गौड़ आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन  महेन्द्र शुक्ला द्वारा किया गया।
प्रतियोगिताओं में पुरूष्कृत बाल वैज्ञानिकों की सूची
पोस्टर प्रतियोगिता समूह अ प्रथम मंजीत सिंह कनेरिया, सैंट क्वीन विद्यालय, द्वितीय युग बंसल, मिसहिल विद्यालय, तृतीय अंशुका राजौरिया समूह ब में अदिति पवैया, उत्कृष्ठ विद्यालय मुरार, द्वितीय भूमी गुप्ता मिसहिल विद्यालय, तृतीय  सिद्धी जैन, पद्मा कन्या विद्यालय समूह स में प्रथम युवराज सिंह उत्कृष्ट विद्यालय, द्वितीय सेवी शर्मा, तृतीय श्रुति सविता, पद्मा कन्या विद्यालय कविता/गीत प्रतियोगिता समूह अ प्रथम सृष्टि पाल मिसहिल स्कूल, द्वितीय कुश रस्तौगी, मिसहिल विद्यालय, तृतीय माधव श्रीवास्तव मिसहिल विद्यालय समूह ब प्रथम याशिका अग्रवाल उत्कृष्ट विद्यालय, द्वितीय राखी बघेल, पद्मा कन्या विद्यालय, तृतीय शुभ अग्रवाल मिसहिल समूह स मुस्कान गुप्ता प्रथम, पद्मा विद्यालय, शिवानी चौहान द्वितीय एवं ईशा जैन तृतीय स्थान प्राप्त किया। डाक्यूमेंटी भूमि कुशवाह प्रथम, नैना कुशवाह द्वितीय एवं भावना धाकड़ तृतीय स्थान पर रहीं।  विज्ञान कथा/कहानी हेमलता कुशवाह प्रथम, रिया गुर्जर द्वितीय, रामकृष्ण विद्या मंदिर एवं अर्शी वहाल तृतीय। विज्ञान नाटक निकिता माहौर प्रथम शिवानी जाटव द्वितीय दिव्या जैन तृतीय स्थान पर रहीं।  

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