वायुसेना के सामरिकी एवं हवाई समाधान विकास स्क्वाड्रन का स्वर्ण जयंती समारोह 27 को

             

Sandhyadesh
ग्वालियर । सामरिकी एवं समाघात विकास प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के 50 वर्षों का गौरवशाली इतिहास मनाने के लिये आर्मी पोस्टल सर्विस द्वारा जारी फर्स्ट डे कवर 27 नवम्बर 2021 को एयर फोर्स ग्वालियर में एयर मार्शल डी. चौधरी एवीएसएम वीएमविएसएम, कमांडेंट, एनडीसी द्वारा जारी किया जा रहा है।
सामरिकी एवं समाघात विकास प्रशिक्षण स्क्वाड्रन की स्थापना 01 फरवरी 1971 को आदमपुर में चार मिग-21 (प्रकार 77), चार सुखोई-7 विमान तथा युद्धक विमान चालकों के एक अभयंतर दल के साथ हुई। सन् 1971 में ही यह स्क्वाड्रन अम्बाला स्थानांतरित हो गई, जहां से इसने भारत-पाक युद्ध में योगदान दिया और जिसमें उसे एक वीर चक्र, तेरह प्रेषण में उल्लेख, एक वायु सेना मेडल एवं चार वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा प्रशस्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए।    युद्धोपरांत इस इकाई का नामकरण सामरिकी तथा हवाई समाधान विकास स्थापना कर दिया गया एवं सन् 1972 में यह हकाई जामनगर स्थानांतरित हो गई। तदोपरांत अप्रैल 2001 में वर्तमान जगह ग्वालियर में स्थानांतरित हो गई। यह स्थापना भारतीय वायु सेना के लिये मौलिक अवधारणाओं के उद्गम एवं युद्धक सामरिकी के विकास हेतु घड़िया-पात्र बन गई।
इस अंतराल में यह स्थापना युद्ध कौशल के सम्मुख परिचालन परिवेश में हो रहे निरंतर परिवर्तनों को समगती से बढ़ते हुए आत्मसात करती रही। साल दर साल अपने युद्ध कौशल में निखार एवं अतुलनीय योगदान के लिए इस स्थापना को 10 नवम्बर 2009 को भारत के राष्ट्रपति के द्वारा मानक के अलावा 8 अक्टूबर 2016 को इसके परिचालन अवलंब भूमिका हेतु वायु सेना के प्रमुख द्वारा प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया गया। यह विशिष्ट प्रतिष्ठान अब 21 और 22 दिसम्बर को अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है।

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