रोज निकलता है 1200 टन कचरा
मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहलाने वाले इंदौर शहर में रोजाना 1200 टन कचरा निकलता है लेकिन इसके बाद भी शहर में गंदगी दिखाई नहीं देती है। इसीलिए शहर ने लगातार पांचवीं बार देश में सबसे स्वच्छ शहर होने का गौरव हासिल किया है। इसे दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह पुरस्कार ग्रहण किया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का एक बार फिर डंका बजा है। इंदौर 5वीं बार भी देशभर में अव्वल आया है। वर्ष 2017 से इंदौर देशभर में नंबर-1 पर आ रहा है। इस बार इंदौर ने सफाई का 'पंच' लगा दिया। सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में भी इंदौर अव्वल रहा। इसमें 12 करोड़ रुपए का पुरस्कार मिला। MP कई शहरों ने अच्छी रैंकिंग पाई है। मध्यप्रदेश को कुल 35 अवार्ड मिलेंगे। इंदौर के पांचवीं पर टॉप रहने पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इंदौरी अंदाज दिखा। उन्होंने ट्वीट किया- वाह भिया! छा गया अपना इंदौर...
इंदौर का कचरा मैनेजमेंट
इंदौर शहर में 1200 टन कचरा निकलता है जिसमें से 700 टन गीला कचरा है। कचरा प्रबंधन के लिए खाद और बायोमिथेनाइजेशन प्लांट का उपयोग कर उससे आमदनी भी की जाती है। 343 करोड़ रुपए से शहर में 137 किलोमीटर नदी और नाले की सफाई होती है। शहर में 450 टन सूखा कचरा निकलता है जिसे प्रोसेस करने वाली कंपनियां नगर निगम इंदौर को दो करोड़ रुपए देती हैं।
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