ग्रामीणों की समस्या के निराकरण हेतु पुलिस व राजस्व का बीट सिस्टम प्रभावी कार्रवाई करे

 संभाग आयुक्त ने गूगल मीट के माध्यम से समीक्षा के दौरान दिए निर्देश

ग्वालियर | ग्रामीणों की छोटी-छोटी समस्याओं के निराकरण के लिये ग्वालियर-चंबल संभाग में दो-तीन पटवारी हल्कों के बीच एक समाधान केन्द्र स्थापित किया गया है। इसमें पटवारी और पुलिस अधिकारी के साथ ही कोटवार ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करेंगे। बीट सिस्टम के माध्यम से किए जा रहे कार्य की प्रति सप्ताह गूगल मीट के माध्यम से मॉनीटरिंग भी की जायेगी। संभागीय आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने सोमवार को गूगल मीट के माध्यम से ग्वालियर-चंबल संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    गूगल मीट के माध्यम से की गई समीक्षा के दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ जिला कलेक्टर और राजस्व व पुलिस के अधिकारी जुड़े थे। आम जनों की समस्याओं के निराकरण के लिये लागू किए गए बीट सिस्टम की मॉनीटरिंग गूगल मीट के माध्यम से प्रति सप्ताह मंगलवार को प्रात: 11 बजे से दोपहर एक बजे के मध्य की जायेगी। इसके लिये अनुविभागीय अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के नोडल अधिकारी रहेंगे। गूगल मीट में जिला कलेक्टर एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और संभाग आयुक्त भी जुड़कर मॉनीटरिंग करेंगे।

    संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के क्षेत्र की गूगल मीट के लिये लिंक तैयार कराएँ और प्रति सप्ताह इसमें सभी बीट से संबंधित अधिकारी व कर्मचारी जुडें तथा की जा रही कार्रवाई के संबंध में भी जानकारी दें। उन्होंने यह भी अपेक्षा की है कि इन समाधान केन्द्रों के माध्यम से राजस्व एवं पुलिस विभाग के छोटे-छोटे प्रकरणों का निराकरण मौके पर ही किया जाए ताकि ग्रामीणों को उसका लाभ मिल सके।

    संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने जिला कलेक्टरों से भी अपेक्षा की है कि वे प्रति मंगलवार को कुछ समय के लिये गूगल मीट में शामिल हों और प्रकरणों के निराकरण के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दें। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रति मंगलवार को आयोजित होने वाली जन-सुनवाई में भी ग्रामीण क्षेत्र की जो समस्यायें सामने आती हैं उनके निराकरण के लिये भी गूगल मीट के माध्यम से चर्चा कर मौके पर ही निराकरण सुनिश्चित कराया जाए।

    गूगल मीट में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित जिला कलेक्टरों ने भी अपने-अपने जिले में की गई तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

बहनें लाड़ली हैं तो भाई लाडले क्यों नहीं ?

मध्यप्रदेश में शुरू हुई लाड़ली बहना योजना और उससे मिलती जुलती महतारी योजनाओं ने भाजपा और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को सत्ता तक पहुंचा दिया ,लेकिन...