गुरुपुष्य,सर्वर्थसिद्धि,अमृत सिद्धि योग का संयोग


गुरुपुष्यामृत योग, सर्वार्थसिद्धि एवं अमृत सिद्धि तीनों ही का योग गुरुवार 25 नबम्बर को हैं।

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि संपूर्ण जानवरों में सिंह  बलवान हैं उसी प्रकार समस्त नक्षत्रों में बलवान पुष्य नक्षत्र है।  यह सभी प्रकार के दोषों को दूर करता है। गोचर में *चंद्रमा* यदि किसी व्यक्ति की राशि से 4,812 क्यों न हो फिर भी उस दिन पुष्य नक्षत्र हो तो कार्य सिद्धि कराता है केवल विवाह

को छोड़कर विवाह में इस नक्षत्र को उपयोग में नही लाना चाहिये।

तो फिर गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने से इस बार *गुरुपुष्यअमृत योग* बन रहा है साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। जो की शिक्षा- दीक्षा, व्यापारिक एवं आर्थिक लाभ के कार्यों में विशेष रूप से उपयोगी है ।

पुष्य नक्षत्रगुरुवार 25 नबम्बर को प्रातः (सूर्योदय) से *06:44 बजे  से शाम को 06:49* बजे तक अर्थात पूरे दिन गुरु पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं अमृत सिद्धि योग तीनों का संयोग बन रहा है। 

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