बीट समाधान केन्द्रों को और अधिक प्रभावी बनायें

ग्वालियर – चंबल संभाग के कमिश्नर ने दिए संभागीय अधिकारियों को निर्देश 

रविकांत दुबे  AD News 24


ग्वालियर / ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने बीट समाधान केन्द्रों को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया है। उन्होंने गुरूवार को अपने सभाकक्ष में आयोजित ग्वालियर-चंबल संभाग के अधिकारियों से कहा कि दो या तीन ग्राम पंचायतों के बीच एक बीट समाधान केन्द्र स्थापित किए हैं। इन समाधान केन्द्रों पर कांस्टेबल, पटवारी, कोटवार उपस्थित रहकर छोटे-छोटे झगड़ों, समस्याओं का आपसी सुलह समझौते के आधार पर निराकरण कर रहे हैं। अगर मामला कोर्ट में भी लंबित है तो उस मामले को आपसी सुलह समझौता कराकर लंबित प्रकरण का निराकरण कर सकते हैं। 

कमिश्नर श्री सक्सेना ने ग्वालियर और चंबल संभाग के अधिकारियों से कहा कि वे भी अपने मैदानी अमले को इन बीट समाधान केन्द्रों पर पहुंचाकर इन केन्द्रों को और अधिक प्रभावी बनाएँ। इन केन्द्रों पर सुशासन के तहत जन-जन को अपनी विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करें। बीट समाधान केन्द्र योजनाओं के प्रचार का बहुत अच्छा मंच हो सकता है। उन्होंने कहा कि सभी बीट समाधान केन्द्र की लिंक बनाई गई है। इन लिंक से जुड़कर एसडीएम अपने – अपने बीट केन्द्रों से जुड़कर वहां की जटिल समस्याओं का निराकरण स्वयं कर रहे हैं। प्रति मंगलवार को आयोजित होने वाले इन केन्द्रों पर संबंधित जिलों के कलेक्टर भी जुड़कर लोगों की समस्या का समाधान कर रहे हैं। मैं भी इन केन्द्रों से जुड़कर वहां की गतिविधियाँ देख रहा हूँ। 

कमिश्नर ने कहा कि इन बीट समाधान केन्द्रों पर ही लोगों की समस्या का समाधान हो जायेगा तो लोगों को जनसुनवाई के दिन जिला मुख्यालय पर नहीं आना पड़ेगा। सीएम हैल्पलाइन में भी शिकायतों में गिरावट आयेगी। कमिश्नर ने कहा कि सुशासन के तहत बगैर परेशानी और धन खर्च किए विभागीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल जाए। इससे बड़ा सुशासन नहीं हो सकता है। 

कमिश्नर ने संभागीय अधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के संकुल या जन शिक्षक इन समाधान केन्द्रों पर पहुंचकर स्कूल खुलने, शिक्षकों की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन तथा शिक्षा के स्तर की स्थिति देखें। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग अपनी विभागीय योजनाओं से किसानों को लाभान्वित कराएँ, इससे योजनाओं के लक्ष्य की पूर्ति भी होगी। इसी प्रकार विद्युत कंपनी के अधिकारी समाधान योजना के प्रकरणों का निराकरण बीट समाधान केन्द्रों पर करें। साथ ही ट्रांसफार्मरों की खराबी एवं अन्य विद्युत संबंधी समस्याओं का निराकरण करें। उन्होंने निर्देश दिए कि वन विभाग के अधिकारी वनाधिकार के पट्टों का वितरण, अटल एक्सप्रेस-वे के मामलों का निराकरण करें। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल कनेक्शन देने एवं हैण्डपम्पों की खराबी को दुरूस्त करें। इसी प्रकार अन्य विभागों के मैदानी अधिकारी बीट समाधान केन्द्रों पर पहुंचकर लोगों की समस्याओं का निराकरण करें। संभागीय एवं जिला स्तर के अधिकारी प्रति मंगलवार को आयोजित होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर अपने-अपने विभागों के बीट समाधान केन्द्रों के प्रभारियों से संपर्क कर योजनाओं की समीक्षा करते रहें। 


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