ग्वालियर l एक्टिव मेडीकल सोसायटी रजि द्वारा होटल एम्बियन्स ग्वालियर में वर्ल्ड सीओपीडी दिवस की पूर्व संध्या पर सी ओ पी डी अवेयरनेस विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया, जिसमें आमंत्रित वक्ता: डॉ अनुपम ठाकुर चेस्ट फिजीशियन ने सेमीनार में उपस्थित चिकित्सको को बताया कि धूम्रपान का सेवन करने वालों एवं प्रदूषण से होती है सीओपीडी बीमारी. डॉ ठाकुर ने बताया कि सीओपीडी यानि क्रोनिक आवस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज बीमारी के जो आपके फेंफड़ों में एक तरह से रुकावट डाल रही है और आपको इसके लिए लम्बे इलाज की जरूरत है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष डॉ वी के कुन्दवानी ने की. सेमीनार में डॉ प्रशांत नायक, डॉ ध्रुव प्रेमी अग्रवाल, डॉ राजीव राय सक्सेना, डॉ राम ए रावत, डॉ मनीष कुबेर विशेष रूप से उपस्थित थे. सेमिनार में 35 चिकित्सक उपस्थित थे.
सीओपीडी से फेंफड़ों में क्या होता है?
इस बीमारी में फेंफड़ों में भीतर की नलियां सुकड़ जाती है जिसकी वजह से हवा ठीक तरह से फेंफड़ों के बाहर नहीं निकल पाती आप इस रोग से कितने प्रभावित हैं इसका पता स्पाइरोमीटरी मशीन द्वारा लगाया जा सकता है,सी ओ पी डी माईल्ड तथा मोडरेड तथा सीवियर प्रकार की होती है
सीओपीडी का कारण
धूम्रपान करना सी ओ पी डी का मुख्य कारण है,अन्य कारण जैसे प्रदूषित वातावरण में काम करना, चूल्हे पर खाना बनाना इत्यादिl
सीओपीडी पर कैसे काबू पा सकते हैं?
अगर धूम्रपान करते हैं तो फोंरन छोड़ दीजिए,
प्रदूषित वातावरण में काम करते हैं तो उससे बचाव रखिए
डॉक्टर के बताये अनुसार नियमित उपचार लीजिए
पौष्टिक आहार लीजिए
हर तरह के धुऐं तथा तेज गंध से दूर रहियें
अपने घर के वातावरण एवं साफ-सफाई का ध्यान रखें
इलाज
इन्हेलेशन मेडिसिन ही इसका सबसे उचित इलाज है अपनी इन्हेलेशन मेडीसिन को डॉक्टर द्वारा बतायी ग्ई मात्रा अनुसार नियमित रूप से लें
नियमित इलाज से लाभ
खांसी कम होगी, ज्यादा आसानी से सांस लें सकेंगे, ज्यादा अच्छी नींद लें सकेंगे, ज्यादा लम्बीं उम्र जी सकेंगे
खतरें के लक्षण
होंठ यां उंगलियों के नाखून नीलें पड़ जाये
चलने तथा बात करने में मुश्किल होनां
दिल की धड़कन यां नब्ज का बहुत तेज चलना
नियमित लेनें वाली दवाओं का असर बहुत कम होना
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