धनतेरस से पांच दिनों तक चले बाला पर्व दीपावली की शुरुआत
धनतेरस 2 नबम्बर मंगलवार के दिन से होगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि
2 नवंबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 37 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
वृष लग्न काल शाम 06.18 बजे से रात 08.14 बजे तक रहेगा। धनतेरस पर पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 06.18 बजे से रात 08.14 बजे तक रहेगा। धनतेरस पर पूजन का शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त शाम 06.18 बजे से रात 08.11 बजे तक रहेगा।
माना जाता है कि भगवान धन्वन्तरि इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान हाथ में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे।धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य हैं। यही वजह है कि धनतेरस के दिन अपनी सेहत की रक्षा और आरोग्य के लिए धन्वन्तरि देव की उपासना की जाती है।इस दिन को कुबेर का दिन भी माना जाता है और धन सम्पन्नता के लिए कुबेर की पूजा की जाती है।
इस दिन चाँदी के बर्तन या कोई भी छोटी सी वस्तु खरीदना शुभ है।
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