दिल्ली एवं त्रिलोक तीर्थ क्षेत्र बागपत में सम्मानित हुए ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन

19 नबम्बर को त्रिलोक तीर्थ बागपत बड़ागांव में एक भव्य जैन ज्योतिष सम्मेलन हुआ जिसमें देश के   ​दिल्ली,हरियाणा,बम्बई,जयपुर,किशनगढ़,अजमेर,सूरत,उज्जैन,इंदौर,भोपाल आदि अनेक स्थानों से जैन ज्योतिषाचार्य व प्रतिष्ठाचार्यो ने भाग लिया और अपने-अपने शोधपत्र दैनिक जीनव में ग्रहों से परेशानिया कैसी कैसी और उनके निदान कैसे किये जायें। पर शोधपत्र वाचन किये।

ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने भी इस विषय पर अपना शोधपत्र पढ़ते हुए बताया कि ग्रहों द्वारा मनुष्य जीवन की चर्या अच्छी भली चलते चलते उसमे रुकावटे, परेशानियां  तरह तरह से आजाती है। वे बस उसी प्रकार है जैसे बहती हुई पानी की नाली को कही से पत्थर आकर रोकने लगता है। वे मनुष्य के जीवन मे धीरे धीरे विपरीत बदलाब दिखाने लगते हैं। बस उसी पत्थर को ग्रहों के उपचार से हटाना चाहिए।

इससे उन्नति के पथ पर चलता हुआ आदमी दुःखित हुआ जाता है। यह ग्रहों के स्वभाव,फल देने की प्रकृति और ग्रह किस घर मे कुंडली में बैठा हुआ है। एक ज्योतिषाचार्य कुंडली देख कर और व्यक्ति की परेशानियों के लक्षण जानकर ग्रहों उपचार बताता है। 

एक ज्योतिषी चाहे तो व्यक्ति की परेशानियों के घरेलू सरल ग्रहों के  उपचार बताकर जैसे- ग्रहों से सम्बन्धी मंत्र जाप, ग्रहों के दान पदार्थ, से सरल तरीके से  परेशानियों को खत्म कर सकता है।

​ग्रहों द्वारा दी जा रही परेशानिया तात्कालिक होती है न कि जन्म जात और जन्म जात परेशानियों को ग्रहों के उपचार से हल करपाना बड़ा असंभव है।

इसलिए ज्योतिष विद्वान वही घरेलू उपाय ग्रहों के  अपने यहां आने बाले व्यक्ति को बताये जो वह आसानी से कर सके।उपाय बताने में धन का लालच न करे ।

इस अबसर पर ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन का दिल्ली भोला नाथ नगर में और अभिल भारतीय ज्यातिष सम्मेलन में  सम्मानित किया गया । साथ ही सन, 2022 के नए *समय समीक्षा*

​पंचांग का विमोचन किया जाकर सभी को निःशुल्क वितरित किया गया

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