प्रशासन ने 30 करोड़ रुपए कीमत की साढ़े तीन बीघा निजी जमीन मुक्त कराई

 

जिला प्रशासन की टीम ने बहोड़ापुर क्षेत्र की गणेश बाग के पास स्थित सर्वे नंबर 465 से लेकर 476 तक की निजी जमीन खाली कराई। कार्रवाई में 5 जेसीबी का उपयोग किया गया। मौके पर स्वयंवर वाटिका, राधिका मैरिज गार्डन, वाजिद मोटर वर्कशॉप, एक अन्य गैराज, सांई बिल्डिंग मटेरियल के नाम से दो दुकानें सहित अंकलेश्वर विला नाम का पूरा भवन तोड़ दिया। एसडीएम प्रदीप तोमर ने बताया कि पंचम तोमर एवं अन्य लोगों ने इस निजी जमीन पर कई साल से कब्जा कर रखा था।

कब्जा करके न सिर्फ वे अंकलेश्वर विला नाम के भवन में रह रहे थे, बल्कि खाली साढ़े तीन बीघा जमीन पर मैरिज गार्डन, गैराज, दुकानों का अस्थायी निर्माण करवाकर हर साल 35 से 40 लाख किराया तक वसूल कर रहे थे, जबकि इस जमीन के मूल भूमि स्वामी ने जमीन को सराफा कारोबारी अनिल जैन को बेच दिया था। 5 साल पहले कब्जा खाली करने के आदेश भी स्थानीय तहसीलदार ने दिए थे, लेकिन पंचम सिंह एवं इनके परिवार के अन्य लोग कब्जा नहीं छोड़ रहे थे और अस्थायी निर्माण कर अवैध व्यापार कर रहे थे। एसडीएम ने बताया कि 5 जनवरी को हमें अपनी इस कार्रवाई से हाईकोर्ट को अवगत कराना है।

पंचम तोमर एवं अन्य लोगों की तरफ से मौके पर एसडीएम प्रदीप तोमर को अंकलेश्वर विला नाम के भवन को न तोड़ने को लेकर दिए गए स्टे की कॉपी दिखाई, जो वर्ष 2013 की थी। तोमर परिवार की ओर से एसडीएम को बताया गया कि हाईकोर्ट की तरफ से खुली जमीन पर बने अवैध निर्माण तोड़ने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अंकलेश्वर भवन कई साल पुराना है और उसे लेकर हमें कोर्ट से स्टे मिला हुआ है, लेकिन एसडीएम ने इस स्टे ऑर्डर को वैध नहीं माना। उन्होंने मदाखलत दस्ते को निर्देश दिए कि अंकलेश्वर विला को भी तोड़ दिया जाए। इसके पक्ष में एसडीएम ने कहा कि यह भवन भी दिए गए सर्वे नंबरों का हिस्सा है, जिस पर सभी निर्माण अवैध माने गए हैं, उनको हटाना है।


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