तानसेन एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि अब 5 लाख रूपए होगी – मुख्यमंत्री चौहान

      

संगीतधानी ग्वालियर में विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह” का भव्य एवं रंगारंग शुभारंभ

प्रख्यात सितार वादक पं. कार्तिक कुमार और सुविख्यात घट्म वादक पं. विक्कू विनायकरम 
"राष्ट्रीय कालिदास सम्मान'' से अलंकृत
मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा प्रदेश में विकास के साथ संगीत-कला के संरक्षण का स्वर्णिम काल है 

ग्वालियर / मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्तमान काल को केवल विकास के लिये ही नहीं कला एवं संगीत के स्वर्णिमकाल के रूप में भी स्थापित करेंगे। इसके लिये प्रदेश सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण और कालिदास सम्मान की राशि बढ़ाकर 5 – 5 लाख रूपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार को ग्वालियर में 97वें तानसेन समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में शताब्दी तानसेन समारोह को पूरी गरिमा व धूमधाम के साथ मनाया जायेगा। 

भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव विश्व संगीत समागम "तानसेन समारोह'' का संगीतधानी ग्वालियर में मुख्यमंत्री श्री चौहान के मुख्य आतिथ्य में भव्य एवं रंगारंग शुभारंभ हुआ। यहाँ हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि के समीप सिद्धेश्वर मंदिर ओंकारेश्वर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर रविवार की सांध्यबेला में आयोजित हुए तानसेन समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में देश के सुप्रतिष्ठित सितार वादक पं. कार्तिक कुमार मुम्बई और सुविख्यात घट्म वादक पद्मभूषण पं. विक्कू विनायकरम चैन्नई को क्रमश: वर्ष 2013 व 2014 के "राष्ट्रीय कालिदास सम्मान'' से अलंकृत किया गया। 

समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं संस्कृति व पर्यटन मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर सहित अन्य अतिथियों ने दोनों मूर्धन्य संगीत साधकों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान के रूप में 2 लाख रूपए की आयकर मुक्त सम्मान राशि, प्रशस्ति पट्टिका व शॉल-श्रीफल भेंट किए। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर, विधायक डॉ. सतीश सिकरवार व भाजपा जिला अध्यक्ष श्री कमल माखीजानी सहित अन्य अतिथिगण मंचासीन थे। 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भव्य तानसेन समारोह के शुभारंभ अवसर पर कहा कि भारत प्राचीनकाल से कला व संगीत का पोषक रहा है। ग्वालियर संगीत घराने ने इस परंपरा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने इस अवसर पर संगीत सम्राट तानसेन की संगीत मर्मज्ञता का उल्लेख किया। साथ ही कहा कि तानसेन अलंकरण एवं कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि अब 5 लाख रूपए होगी। केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से अलंकरण की सम्मान राशि बढ़ाने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर यह भी कहा कि महान संगीत मनीषी तानसेन की याद में आयोजित होने वाले तानसेन समारोह का शताब्दीवाँ समारोह वर्ष 2024 में विशेष धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जायेगा। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने  मुख्यमंत्री श्री चौहान से इस आशय का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में मौजूद संस्कृति मंत्री श्री ऊषा ठाकुर को अभी से इसकी तैयारियाँ करने के लिये कहा।  

तानसेन समारोह की तर्ज पर बैजू बावरा समारोह का आयोजन भी होगा 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर घोषणा की कि प्रतिष्ठित तानसेन समारोह की तर्ज पर संगीत सम्राट तानसेन के समकालीन महान संगीत मनीषी बैजू बाबरा की स्मृति में “बैजू बावरा समारोह” का आयोजन भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने संस्कृति मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर और प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला से इस समारोह की तिथि व स्थान सहित इसकी पूरी  रूपरेखा तैयार करने के लिये कहा। 

तानसेन की जन्मस्थली बेहट और ग्वालियर के कला संकुल केन्द्र के अधूरे काम पूरे करायेंगे 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा ध्यान आकर्षित किए जाने पर यह भी घोषणा की कि ग्वालियर में शिवाजी उद्यान के समीप स्थित संगीत एवं कला संकुल केन्द्र का निर्माण पूरा कराया जायेगा। प्रदेश सरकार इसके लिए धन मुहैया करायेगी। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर द्वारा ध्यान आकर्षित करने पर संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट के शेष कामों को भी पूरा कराने की घोषणा की। 

मध्यप्रदेश सरकार से कला एवं संस्कृति को पूरा आश्रय मिल रहा है – केन्द्रीय मंत्री  तोमर 

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि जीवन की बाकी सब चीजें परिश्रम से फलीभूत हो सकती हैं, लेकिन कला एवं साहित्य के लिए राजाश्रय जरूरी है।  ग्वालियर में पुरातन काल से लेकर और राजा मानसिंह एवं महादजी सिंधिया के समय में कला व संगीत को पूरा आश्रय मिला। आजादी के बाद प्रदेश सरकार ने भी इसे पूरी शिद्दत के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने संगीत की नगरी ग्वालियर में  राजा मानसिंह तोमर के नाम से कला एवं संगीत विश्वविद्यालय और राजमाता विजयाराजे सिंधिया के नाम से कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना करने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया। श्री तोमर ने अपने उदबोधन के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान से तानसेन व कालिदास अलंकरण की सम्मान राशि बढ़ाने, ग्वालियर के कला संकुल केन्द्र व तानसेन जन्मस्थली बेहट के शेष कार्यों को पूर्ण कराने का आग्रह किया जिसे मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सहर्ष स्वीकार कर लिया।  

वीर सपूतों एवं संगीत कला मर्मज्ञों की भी धरा है ग्वालियर – केन्द्रीय मंत्री सिंधिया 

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर की धरा वीर व सपूतों की ही नहीं संगीत एवं कला मर्मज्ञों की भी धरा है। ग्वालियर में युग-युग से इसका संरक्षण होता रहा है। ग्वालियर की माटी व पानी का परिणाम है कि यहां एक से बढ़कर एक संगीतज्ञ जन्मे और भारत ही नहीं पूरी दुनिया को मूर्धन्य संगीत साधकों की माला प्रदान की। उन्होंने कहा सिंधिया शासनकाल में भी संगीत कला को विशेष आश्रय मिलता रहा। सिंधिया राज्यकाल में ही सन् 1924 में तानसेन समारोह का शुभारंभ हुआ। श्री सिंधिया ने वर्ष 2024 में शताब्दी समारोह को भव्यता के साथ मनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान का ध्यान आकर्षित किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। 

संगीत एवं कलाओं के पोषण के लिए संस्कृति विभाग का बजट ढाई गुना बढ़ाया – सुश्री ऊषा ठाकुर   

प्रदेश की संस्कृति, पर्यटन एवं आध्यात्म विभाग की मंत्री सुश्री ऊषा ठाकुर ने स्वागत उदबोधन दिया। साथ ही कहा कि कला की पूजा सत्ता का भी मान बढ़ाती है। इसीलिए अनादिकाल से कला को सत्ता से अधिक सम्मान दिया जाता रहा है। उन्होंने ग्वालियर व रायगढ़ घराने द्वारा भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने में दिए गए योगदान का उल्लेख किया। सुश्री ऊषा  ठाकुर ने कहा कि संगीत एवं कला के पोषण पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान विशेष ध्यान देते हैं। इसीलिए प्रदेश सरकार ने संस्कृति विभाग के बजट को बढ़ाकर ढा़ई गुना कर दिया है। 

मुख्यमंत्री  चौहान एवं अन्य अतिथियों ने की चादरपोशी 

तानसेन समारोह का शुभारंभ करने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सबसे पहले मोहम्मद गौस, संगीत सम्राट तानसेन के मकबरे और तानसेन के सुपुत्र की मजार पर पहुँचकर चादरपोशी की। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर व राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री भारत सिंह कुशवाह सहित अन्य अतिथिगण भी चारपोशी करने पहुँचे थे। 

पं. रविशंकर पर केन्द्रित पुस्तक का किया विमोचन 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य अतिथियों ने पं. रविशंकर पर केन्द्रित एक पुस्तक का विमोचन भी इस अवसर पर किया। तानसेन समारोह के शताब्दी दशक के विशेष आकर्षण के अंतर्गत पं. रविशंकर सहित अन्य दिग्गज संतीगज्ञों पर केन्द्रित यह पुस्तक ग्वालियर के श्री दिनेश पाठक ने लिखी है। 

दीप प्रज्ज्वलन एवं कन्या पूजन कर किया समारोह का शुभारंभ  

आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन एवं कन्या पूजन कर इस वर्ष के तानसेन समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। कालिदास अलंकरण से पहले संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने दोनों मूर्धन्य कलाकारों पं. कार्तिक कुमार एवं पद्मभूषण श्री विक्कू विनायकरमजी के सम्मान में प्रशस्ति वाचन किया। कार्यक्रम के अंत में संस्कृति विभाग के संचालक श्री अदिति कुमार त्रिपाठी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना एवं उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत व कला अकादमी के निदेशक श्री जयंत भिसे व भाजपा जिला अध्यक्ष श्री कमल माखीजानी भी मंचासीन थे। 

कार्यक्रम में राजा मानसिंह संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. साहित्य कुमार नाहर, राज्य बीज एवं फार्म निगम के अध्यक्ष श्री मुन्नालाल गोय सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी एवं उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के प्रभारी निदेशक श्री राहुल रस्तोगी मौजूद थे। 


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