केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर के प्रयासों से ग्वालियर को मिली एक और बड़ी सौगात

मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के लिये 39.24 करोड़ का प्रस्ताव मंजूर 

केन्द्रीय मंत्री  तोमर ने प्रधानमंत्री  मोदी एवं जल शक्ति मंत्री  शेखावत के प्रति जताया आभार 

ग्वालियर / केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के विशेष प्रयासों से ग्वालियर को एक और बड़ी सौगात मिली है। कभी ग्वालियर की जीवन रेखा कही जाने वाली मुरार नदी फिर से अपना वैभव प्राप्त करेगी। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर की पहल पर  मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने स्वीकृत कर दिया है। जल शक्ति मंत्रालय से संबद्ध राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति ने नमामि गंगे अभियान के तहत 39 करोड़ 24 लाख रूपए की लागत से मुरार नदी का जीर्णोद्धार एवं विकास करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 

ग्वालियर को यह सौगात दिए जाने पर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के प्रति आभार जताया है। श्री तोमर ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से चर्चा कर मुरार नदी प्रोजेक्ट की स्वीकृति दिलाने का अनुरोध किया था। साथ ही समय-समय पर पत्र भी लिखे थे। उन्होंने ग्वालियर शहर के लिये मुरार नदी को विकसित करने की आवश्यकता को गंभीरता के साथ रेखांकित किया था। 

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा है कि ग्वालियरवासी बड़ी शिद्दत के साथ मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण की प्रतीक्षा कर रहे थे। शहरवासियों की मंशा अब शीघ्र ही आकार लेगी। उन्होंने कहा अत्याधुनिक तकनीक से मुरार नदी का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण होगा, इससे ग्वालियर के विकास को नई पहचान मिलेगी। 

मुरार नदी के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण के लिए स्वीकृत हुए प्रोजेक्ट के तहत रमौआ डैम से बायपास ब्रिज का विकास (750 मी.), गाँधी रोड़ ब्रिज से संतर रिवर ब्रिज का विकास (770 मी.), संतर रिवर ब्रिज से काल्पी ब्रिज का विकास (1100 मी.), काल्पीब्रिज से जड़ेरूआ बांध की डाउन स्ट्रीम का विकास (100 मी.), मुरार नदी के बाकी हिस्सों का विकास (9480 मी.) शामिल है। साथ ही शौचालय ब्लॉक्स, गेबियन दीवार, शाइनेज, सोलर लाईट पोल, चलित शौचालय, वाटर स्पॉट्स, गेजेबो, बैठने की बैंच, डस्टबिन व प्रवेश द्वार का निर्माण भी होगा।  

नमामि गंगे मिशन की कार्यसमिति की बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह प्रोजेक्ट 27 माह में पूर्ण किया जाए। जिसमें तीन महीने का समय टेण्डर प्रक्रिया, 18 महीने में प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन और 6 माह ऑपरेट एण्ड मैनेजमेंट के लिये रखे गए हैं। 


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