ग्वालियर एवं चंबल संभागों के सभी गाँवों को विवाद रहित बनाया जाए

गूगल मीट के माध्यम से जिला पंचायतों के सीईओ को कमिश्नर  सक्सेना ने दिए निर्देश 


ग्वालियर / संभागीय कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने कहा है कि ग्वालियर एवं चंबल संभागों के सभी गाँवों को विवाद रहित बनाना है। इसी उद्देश्य को लेकर 2 – 3 पटवारी हल्कों को मिलाकर एक बीट समाधान केन्द्र बनाया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रति मंगलवार को बीट समाधान केन्द्रों में किसी भी विवाद से संबंधित दोनों पक्षों को बुलाकर उन्हें समझाइश दी जाए तथा समस्या समाधान किया जाए। कमिश्नर श्री सक्सेना ने शुक्रवार को गूगल मीट के माध्यम से दोनों संभागों के जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को ये निर्देश दिए। 

संभागीय कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंगलवार को संबंधित बीट के अधिकारी अपनी-अपनी बीट में पहुँचें और छोटे-छोटे विवादों का निराकरण करें। इसके अलावा अधिकारी शासकीय योजनाओं के लाभान्वितों का घर-घर जाकर सर्वे करें। यदि किसी योजना का लाभ किसी व्यक्ति को नहीं मिला है और वह पात्र है तो उसे योजना का लाभ भी दिलायें। उन्होंने निर्देश दिए कि बीट स्तर पर ही सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों का भी निराकरण कराया जाए। इसकी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीक्षा करें एवं बीट समाधान केन्द्रों का सही उपयोग किया जाए। 

कमिश्नर श्री सक्सेना ने ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो सामुदायिक स्वच्छता परिसर पूरे नहीं हुए हैं उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए। जो परिसर पूर्ण हो गए हैं, उनका उपयोग किया जाए। अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि लोग अन्य उपयोग में परिसर को नहीं लें। उन्होंने निर्देश दिए कि सामुदायिक स्वच्छता परिसर में ताले नहीं लगें, भूसा नहीं भरा जाए तथा लोग पशुओं को नहीं बांधें। इसके अलावा पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। 

कमिश्नर श्री सक्सेना ने निर्देश दिए कि साइड का चयन सही तरीके से किया जाए, ताकि स्वच्छता परिसर का उपयोग हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्र में कचरा संग्रहण की उचित व्यवस्था करें। इसके लिये हाथ की कचरा गाड़ी का उपयोग किया जाए। सभी दुकानों के पास डस्टबिन रखवाए जाएं और कचरा उसी में डालने की हिदायत दी जाए। कचरा सड़क या रास्ते पर नहीं होना चाहिए। कचरा संग्रहण की व्यवस्था 31 दिसम्बर तक पूर्ण करने के भी निर्देश उन्होंने दिए। कमिश्नर ने निर्देशित किया कि सोखता गढ्ढे तभी बनाए जाएँ जब वे सफल हों। उन्होंने जल निकासी की बेहतर व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। इस संबंध में उन्होंने कहा कि गाँव के पास गार्डन का निर्माण किया जाए और उस गार्डन में पौधे लगाए जाएं। घरों में उपयोग होने वाले पानी को नाली बनाकर गार्डन में पौधों की सिंचाई के काम में लिया जाए। उन्होंने जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को इस संबंध में एक-एक स्कीम बनाकर देने के निर्देश भी दिए। 

कमिश्नर श्री सक्सेना ने व्यक्तिगत शौचालयों के संबंध में निर्देश दिए कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शौचालयों का सभी लोग उपयोग करें। पंचायत सचिव शौचालय एवं सोखता गड्डे का सत्यापन करके इस आशय की रिपोर्ट एवं फोटोग्राफ भेजें। मनरेगा की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जनपद पंचायतों में मनरेगा के कार्य अधूरे हैं वहाँ के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि जो जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी 6 माह से ज्यादा समय से पदस्थ हैं एवं उनके क्षेत्र में मनरेगा के तहत प्रगति कम है तो उन्हें भी नोटिस जारी किए जाएं। साथ ही प्रदेश में औसत से कम प्रगति वाले मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भी नोटिस जारी किए जाएं। इस अवसर पर आयुक्त ने समूह गठन, बैंक लिंकेज तथा वृक्षारोपण की भी समीक्षा की। 






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