“सुखद पहलू” ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक बोले संगीत व कला को मध्यप्रदेश जैसा प्रोत्साहन और कहीं नहीं

    रविकांत दुबे AD News 24

ग्वालियर / मध्यप्रदेश की कला धर्मिता और संगीत व कला को दिए जा रहे संरक्षण एवं प्रोत्साहन की सराहना पूरे देश में होती है। संगीत की नगरी ग्वालियर में 25 से 30 दिसम्बर तक आयोजित हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव विश्व समागम “तानसेन समारोह” में इसकी प्रत्यक्ष वानिगी देखने को मिली। समारोह में प्रस्तुति देने आए देश और दुनिया के सुविख्यात संगीतज्ञों ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संगीत एवं कलाओं को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रश्रय और प्रोत्साहन की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। 

पद्म सम्मानों से सम्मानित ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधकों ने भी तानसेन समारोह में अपनी प्रस्तुतियां दीं। तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित हुए “गमक” कार्यक्रम में ख्यातिनाम पंजाबी सूफी गायक पद्मश्री पूरनचंद्र बडाली अपने सुपुत्र एवं सुविख्यात सूफी गायक उस्ताद लखविंदर बडाली के साथ प्रस्तुति देने आए थे। अपना कलाम प्रस्तुत करने से पहले पूरनचंद्र बडाली ने कहा कि मध्यप्रदेश ने संगीत एवं कलाओं के संरक्षण के क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के लिये मिसाल कायम की है। 

तानसेन समारोह में प्रस्तुति देने आए दरभंगा घराने के मूर्धन्य ख्याल गायक पं. अभयनारायण मलिक ने मध्यप्रदेश सरकार के प्रति धन्यवाद जाहिर करते हुए कहा कि शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश सरकार के प्रयास विशेष सराहनीय है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संगीत एवं कला विश्वविद्यालय खोलने के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत सीखने के लिए गुरू शिष्य परंपरा को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। 

विश्वविख्यात संतूर वादक पद्मश्री पं. भजन सोपोरी ने कहा कि भारत में मध्यप्रदेश ऐसी जगह है जहाँ कलाकारों एवं साहित्यकारों के नाम से सबसे ज्यादा पुरस्कार दिए जाते हैं। उन्होंने समारोह में मौजूद कला रसिकों से कहा कि आप सब धन्य हैं जो इस कलाधर्मी भूमि पर जन्मे हैं। सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान भी तानसेन समारोह की अक्षुण्ण परंपरा को कायम रखा है। 

देश के ख्यातिनाम तबला वादक पद्मश्री पं. सुरेश तलवलकर ने भी अपनी प्रस्तुति के दौरान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संगीत एवं कला के संरक्षण के लिए दिए जा रहे आश्रय का विशेष रूप से उल्लेख किया। 

ख्यातिनाम सारंगी वादक पं. भारत भूषण गोस्वामी बोले कि संगीत के लिये जितना प्रश्रय मध्यप्रदेश सरकार से मिलता है, उतना देश में और कहीं नहीं मिलता। इसी तरह कर्नाटक संगीत की सुविख्यात गायिका सुश्री सुधा रघुरामन ने भी संगीत व कला के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन की खुलकर प्रशंसा की। समारोह में यूरोपियन देशों से आए संगीत साधकों ने भी मध्यप्रदेश सरकार की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। 

हितेन्द्र सिंह भदौरिया 


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