रविकांत दुबे AD News 24
ग्वालियर । कृषि ही मानव जीवन का आधार है। भारतीय जीवन दर्शन कृषि और ऋषि परंपरा को साथ लेकर चलने वाला है, यही हमारी सनातन परंपरा है, चूंकि भारत कृषि प्रधान देश है। भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था ही देश की आर्थिक व्यवस्था का मेरूदण्ड है। किसानों की मेहनत, श्रम और पुरूषार्थ के बल पर ही भारत ने खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर अर्जित की है। उक्त बात मंगलवार को भाजपा किसान मोर्चा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष गिर्राज व्यास ने भाजपा कार्यालय मुखर्जी भवन पर आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। इस अवसर भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, भरत दांतरे, प्रदेश सहमीडिया प्रभारी जवाहर प्रजापति उपस्थित थे।
व्यास ने बताया कि इस परिस्थिति में खेती में बढ़ती हुई लागत को दृष्टिगत रखते हुए जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये परंपरागत कृषि विकास योजना संचालित करते हुए शून्य बजट पर प्राकृतिक खेती को लेकर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 14, 15, 16 दिसंबर को आणंद गुजरात में किया जा रहा है। जिसमें कार्यक्रम को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 दिसंबर को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम का प्रसारण मंडल स्तर तक किसानों के साथ सुनने के लिए मप्र भाजपा किसान मोर्चा के द्वारा कार्य योजना तय की गई है। जिसके अनुसार मंडल स्तर पर प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को खेती में नवाचार करने वाले किसानों को अच्छे पशु पालन करने वाले किसानों को एवं स्थानीय कृषि वैज्ञानिकों को कार्यक्रम में आमंत्रित करते हुए एलसीडी या टीवी के माध्यम से प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन मिलेगा। किसान इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रेरणा ग्रहण करें खेती में नवाचार की ओर अग्रसर होंगे। कार्यक्रम में मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, मंडी अध्यक्ष आदि जनप्रतिनिधि अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
व्यास ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री है जिन्होंने 2024 तक किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प लिया है। साथ ही कृषि से संबंधित अन्य क्षेत्रों में जैसे पशुपालन, मछलीपालन, मुर्गीपालन आदि के लिए योजनाएं संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिये गए हैं, जैसे किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रूपए देना, किसान बीमा योजना के द्वारा खेती में किसानों के जोखिम कम करना और किसानों को उनकी फसल के लागत के डेढ गुना मूल्य पर एमएसपी घोषित करना, 20 टन दालों का बफर स्टॉक तैयार करना, नीमकोटेड यूरिया का वितरण करना, कांग्रेस द्वारा बंद की गई यूरिया निर्माण इकाईयों को पुर्नजीवित करना, किसानों को राहत पहुंचाने के लिए अकेले खरीफ की फसल 2021 में 15 हजार करोड़ का अनुदान देना, किसान सम्मान निधि (पूर्व में किसान पेंशन योजना) प्रारंभ करना, वर्षों से लंबित सिंचाई योजना को पूरा करना, ड्रॉप मोर क्रॉप योजना द्वारा सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देना, किसान उत्पादनों को देश के किसी भी कोने ले जाने के लिए 100 किसान रेलों का संचालन करना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ की, 2016 में रबी की, 2020-21 तक कुल पांच वर्षों में 17524 करोड़ रूपए किसानों ने प्रीमियम राशि जमा की और मोदी सरकार ने 78718 करोड़ रूपए अधिक जमा करते हुए किसानों के खाते में 96242 करोड़ रूपए की राशि जमा कर दी।
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