प्रेस्टीज में तीन दिवसीय 13 वीं अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस आठ से

 

ग्वालियर। प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान ग्वालियर में अंतर्राष्ट्रीय 13 वीं कान्फे्रंस कल आठ जनवरी से होगी। इस अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में मैनेजमेंट गुरू प्रो.एन रघुरमन कार्यशाला में अपने गुण साझा करेंगे जिससे उद्योगों सहित अन्य संस्थानों में समस्याओं का निदान हो सके।

उक्त जानकारी पत्रकारों को देते हुये प्रेस्टीज एज्यूकेशन फाउंडेंशन के निदेशक हिमांशु जैन,  प्रेस्टीज प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. निशांत जोशी ने बताया कि 13 वीं अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का शुभारंभ मैनेजमेंट गुरू प्रो. एन रघुरमन करेंगे। इस अवसर पर वाइस चासंलर स्टेट ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ बांग्लादेश प्रो. (डॉ.) अनवरूल कबीर , प्रिंसिपल टीचिंग फेलो एसोसियेट प्रोफेसर एंड मोडयूल लीडर यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन यूके के डॉ. जतिन पंचोली प्रेसिडेंन्ट एआईबीपीएम इंडोनेसिया प्रो. लीयम गेइ सिन के अलावा डायरेक्टर आईआईएम त्रिची प्रो. पवन कुमार सिंह , एनबीए के चेयरमैन प्रो. केके अग्रवाल के अलावा डीन एंड प्रोफेसर इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फायनेंस नई दिल्ली प्रो. अमन अग्रवाल , फेकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज सबरागमुआ यूनिवर्सिटी श्रीलंका , प्रेस्टीज एज्यूकेशन फाउंडेंशन के निदेशक हिमांशु जैन तथा प्रेस्टीज इंस्टीटयूट ऑफ मेनेजमेंट एंड रिसर्च ग्वालियर के निदेशक डॉ. निशांत जोशी मौजूद रहेंगे। उन्होने बताया कि 13 वीं अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस इंडस्ट्री 4.0 की ड्रायवरर्स ऑफ सबस्टेंशनल ग्लोबल बिजनिस प्रेक्टिसेस पर आयोजित होगी। कान्फ्रेंस का शीर्षक वर्तमान परिदृश्य में वैश्विक स्तर पर व्यवसायिक जगत एवं उसमें हो रहे संगठनात्मक पहलुओं में परिवर्तनों के सापेक्ष एवं भविष्य में संभावनाओं को मददेनजर रखते हुये सुनिश्चित किया गया है। इसके अतिरिक्त अन्य कई पहलुओं को भी कान्फ्रेंस के दौरान चर्चा के लिये शोधपत्र प्रस्तुतिकरण के लिये सहायक विषयों के रूप में रखा गया है। यह सभी विषय मुख्यत: मार्केटिंग , फायनेन्स , इकॉनामिक्स , मानव संसाधन प्रबंध , विधि , सूचना एवं प्रोद्यौगिकी एवं जनरल मैनेजमेंट पर आधारित होंगे।

प्रेस्टीज एज्यूकेशन फाउन्डेशन के निदेशक हिमांशु जैन ने बताया कि आज संस्थानों को चाहे वह व्यावसायिक हों, औद्योगिक हों या कार्मिक क्षेत्र से संबंधित हों , उन्हें अपने आप को आगे ले जाने के लिये अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग सही एवं उचित दिशा में करना होगा एवं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष संबंधित गतिविधियों में भी संगठन को अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी ही होगी। जिससे वह अपने सामने आने वाली अनिश्चिताओं का सामना करने के लिये पहले से तैयार रहे एवं जरूरत पडने पर अपनी कार्यशैली पर परिवर्तित करने में भी पीछे न रहें इसलिये इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस हाईब्रिड मोड पर आयोजित की जा रही है। जिससे अधिक से अधिक प्रतिभागी विश्वभर से शिरकत कर सकेंगे। हिमांशु जैन ने बताया कि जो सत्र ऑफलाइन मोड पर आयोजित होंगे उन्हें कोविड प्रोटोकाल्स का पूरी तरह का पालन करते हुये आयोजित किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में कुल 285 प्रतिभागी भाग लेंगे। इनमें से 34 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी है। वहीं देशभर के विभिन्न संस्थानों के125 प्रतिभागी तथा स्थानीय 34 प्रतिभागी हैं। इतना ही संस्थागत 65 और 27 छात्र-छात्राएं भी भाग ले रहें हैं। इसी में लगभग 85 शोध सारांश हैं। इसमें कुल 250 शोधपत्र पेश किये जायेंगे। इसमें अंतर्राष्ट्रीय शोधपत्र 40 प्रस्तुत किये जायेंगे। इसमें 125 नेशनल शोधपत्र पेश किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि कान्फ्रेंस में बेस्ट पीएचडी अवार्ड के रूप में दस हजार और बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड पांच हजार रूपये एवं प्रमाणपत्र दिये जायेंगे। नौ जनवरी को समापन सत्र में जीवाजी विवि के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी मौजूद रहेंगे। वहीं इग्रू नई दिल्ली के वाईस चांसलर प्रो. आरपी दास , आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय, पूर्व कुलपति राजस्थान विवि प्रो. नवीन माथुर, के अलावा प्रो. जस्टिन पॉल, प्रो. यूपीआर संजौन यूनिवर्सिटी यूएसए , प्रो. अरहन स्थापित नेपाल ओपन यूनिवर्सिटी , यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो यूके के प्रो. क्लेओपात्रा वेलोत्सू , रेक्टर जीवाजी विवि प्रो. उमेश होलानी माौजूद रहेंगे।  

उन्होंने बताया कि आज सात जनवरी को मैनेजमेंट गुरू एन रघुरमन और मोटीवेशनल गुरू निर्मल भटनागर ने मैनेजमेंट फण्डा विषय पर एक बूट कैम्प भी आयोजित किया। कार्यशाला में डॉ. नंदन वेलणकर ने भी समन्वय किया।

पत्रकार वार्ता में प्रो. नविता नथानी, डॉ. इंदिरा शर्मा, मीडिया प्रभारी डॉ. नंदन वेलणकर भी मौजूद रहें। 


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