मकर संक्रांति 14 को ही -ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन

 

इस वार मकर संक्रांति के पुण्यकाल का लाभ सभी ले सकेंगे । वर्षा, ओलावृष्टी संभव है। कुछ वस्तुओं में आएगी तेजी तो कुछ में मंदी*

मकर संक्रांति पर इस बार दो तिथियों को लेकर लोग उलझन में हैं। परन्तु 14 को ही पर्व काल रहेगा।

सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि

इस बार को सूर्य मकर राशि मे दोपहर 02 बजकर 28 मिनिट पर मकर राशि मे प्रवेश करेंगे।

सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश या संक्रमण से ही संक्रानि नाम पड़ा।

यू तो सूर्य हर माह एक राशि से दूसरी राशि मे संक्रमण करता ही है 12 माह में यह मेष से लेकर मीन राशि तक सभी 12 राशियों का एक- एक कर भ्रमण करलेता है।

पर 6-6 - माह के अंतर में यह कर्क व मकर राशियों में प्रवेश करता है।

इनमें भी जब सूर्य मकर राशि मे प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति होती है और इस संक्रांति का बहुत बड़ा महत्व है।

ज्योतिषाचार्य ने कहा इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि मे संक्रमण कर रहे है।  सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे, तो इसी दिन पुण्यकाल रहेगा 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल विशेष पुण्डीमहत्व रखता है।

इस लिए यह सुबह 08:03 बजे से शुरू होकर रात्रि 08:51 बजे तक रहेगा।

इस समय तक सभी बाल,युवा, वृद्ध   सभी अपने अपने घरों पर गंगा जल मिश्रित जल से स्नान ध्यान कर सकेंगे और संक्रांति पर कम्बल,तिल, के लडडू ,आदि दान पुण्य आराम से पूरे दिन कर सकते है।

  हालांकि सूर्य सायन मकर राशि मे 21 दिसम्बर 2021 को ही प्रवेश कर गए थे इस दिन से ही उत्तरायण शुरू हो जाता है। इसी दिन से शिशिर ऋतु का प्रारम्भ हो गया था। जो 18 फरवरी सायन सूर्य के मीन राशि मे प्रवेश तक रहेगी फिर बसंत ऋतु आरम्भ होगी।

सूर्य के उत्तरायण होने से 21 दिसम्बर से ही दिन एक एक मिनिट कभी दो मिनिट कर प्रतिदिन बड़े होते जाते है और मकर से कर्क राशि तक बड़े होते होते 3 घण्टे 14 मिनिट तक भारत मे दिन बड़े और राते  इतनी ही समय की छोटी होती जाती है।

सूर्य के मकर से कर्क राशि तक के समय को उत्तरायण कहा जाता है। इस समय को देवताओ का समय भी कहा जाता है।

इस समय मे विवाह करना,गृहप्रवेश, देवप्रतिष्ठा आदि शुभ व मांगलिक कार्यो को किया जाता है। इन दिनों में येकार्य जीवन मे सुख सम्रद्धि देते है। इन कार्यो के लिए पंचांग में मकर से कर्क राशियों तक सूर्य के रहने तक विशेष और अधिक मुहूर्त दिए जाते है।

इस बार मकर राशि के दिन बुध ग्रह बक्री होंगे बुध 16 जनवरी को अस्त भी होंगे।

इस माह में श्रवण नक्षत्र में  बुध,शुक्र का अस्त व उदय होने से मौसम वर्षा,ओलावृष्टि से फसलों को वेहद हानि डोर डोर तक होने का योग पहले से ही चल रहा है। इस के साथ ही सूर्य,शनि व बुध, ग्रहों की युति भी बन जाएगी जो वियू वेग के साथ जो दूर दूर तक प्रदेशो में  वर्षा व ओला वृष्टी से फसलों को हानि व मंगल, केतु की युति से रोग संक्रमण को तेजी से भयाभय बनाती है। जिससे प्राकृतिक उत्तपात, पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात,कोहरा,ठंड उत्तर भारत मे सीत लहर से जन-जीवन 10 फरवरी तक अस्त-व्यस्त रहेगा। 

मकर संक्रांति पर इस वार  व्यापारिक वस्तुओं की तेजी-मंदी को भी बड़ा प्रभावित करेगी।

लाल मिर्च,जौ, गेंहू,चना,चावल,में आगे मंदी बनेगी।

तेल, सरसों, अलसी,मक्का, ज्वार,बाजरा,लकड़ी में तेजी आएगी। सोना-चांदी में घट-बढ़ विशेष रहेगी। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:29 बजे   *सूर्यास्त :-* 17:40 बजे  *विक्रम संवत-2081* शाके-1946  *वी.नि.संवत- 2550*  *सूर्य -* सूर्यदक्षिणायन, उत्तर  गोल  ...