काकाजी चेम्बर ऑफ कॉमर्स के स्तंभ थे : ऊर्जा मंत्री, प्रद्युम्न सिंह तोमर

काकाजी की स्मृतियों के सहारे आगे बढते हुए हमें अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना होगा : अध्यक्ष, विजय गोयल
एमपीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष स्व. श्री श्रीकृष्णदास जी गर्ग की स्मृति में श्रद्घांजलि सभा आयोजित

ग्वालियर । म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष-स्व. श्री श्रीकृष्णदास जी गर्ग (काकाजी) की स्मृति में श्रद्घांजलि सभा का आयोजन आज सायं ‘चेम्बर भवन` में किया गया।  

श्रद्घांजलि सभा में अपने शब्दों से पुष्पांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि स्व. काकाजी ने ग्वालियर के व्यापार जगत में अग्रणी स्थान प्राप्त किया और चेम्बर ऑफ कॉमर्स के वह आधारभूत स्तंभ रहे, उनके किये गये कार्यों को हम सभी हमेशा याद रखेंगे। मैं उनके चरणों में अपनी विनम्र श्रद्घांजलि अर्पित करता हूं।

श्रद्घांजलि सभा में एमपीसीसीआई के अध्यक्ष-विजय गोयल ने काकाजी के साथ गुजरे समय को याद करते हुए कहा कि वर्ष 1991 में मुझे आदरणीय काकाजी के अध्यक्षीय कार्यकाल में कार्यकारिणी समिति सदस्य के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ था। मैंने देखा कि कोई भी आंदोलन इस शहर में हुआ तो उसमें काकाजी कभी भी पीछे नहीं रहे। म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री की स्थापना को लगभग 116 वर्ष हो गये हैं। अब हमें काकाजी की स्मृतियों के सहारे आगे बढना होगा और अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना होगा। ग्वालियर के व्यापार जगत एवं चेम्बर के समस्त सदस्यों की ओर से मैं उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं।

निवर्तमान अध्यक्ष-अरविन्द अग्रवाल ने कहा कि  काकाजी के बारे में कुछ भी बोलना बहुत कम होगा। मैं तीन दिन से सोच रहा हूँ कि यह नुकसान चेम्बर ऑफ कॉमर्स का है, अग्रवाल समाज का है, रोटरी का है, लेकिन मुझे लगता है कि ऐसी कोई भी चीज मुझे आज जहां नजर नहीं आती है, जहां काकाजी की कमी हमें नहीं खलेगी। काकाजी जैसा व्यक्तित्व न हुआ है और न होगा, उनकी बोलने की शैली बहुत अलग थी, यह शैली हमें अब देखने को नहीं मिलेगी। मैंने काकाजी से बहुत कुछ सीखा है, यहां तक कि चेम्बर में मुझे पदाधिकारी के रूप में लाने वाले भी काकाजी थे।

पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-नरेश सिंघल ने कहा कि काकाजी कभी हमारे हृदय से नहीं जा सकते, उनकी यादें हमारे हृदय में हमेशा रहेंगी।

पूर्व कोषाध्यक्ष-रामनिवास अग्रवाल ने कहा कि काकाजी के साथ वर्ष 1991 में चेम्बर ऑफ कॉमर्स की कार्यकारिणी समिति में मैं रहा। उनसे जो कुछ मैंने सीखा उसे कभी नहीं भूल पाऊंगा। आपने व्यापार हित में कई आंदोलन किये और व्यापारियों की बात शासन-प्रशासन से मनवाई।

पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव-पीताम्बर लोकवानी ने अपने श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए कहा कि जब भी कोई चर्चा उनके समक्ष होती थी तो वह उसे शांत स्वभाव से सुनते और एक नई बात हमारे सामने लेकर आते थे।  हमें उनके बताये अनुसार व्यापारी समाज के लिए कार्य करना चाहिए।

पूर्व उपाध्यक्ष-राधाकिशन खेतान ने कहा वह हमारे लिए वटवृक्ष के समान थे। सनातन धर्म मण्डल में मुझे उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में सचिव के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके व्यक्तित्व का सभी सम्मान करते थे। मैं उन्हें अपने श्रद्घासुमन अर्पित करता हूं।

पूर्व उपाध्यक्ष-सुरेश बंसल ने इस अवसर पर कहा कि काकाजी के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए, उनमें जो क्षमतायें थीं वह विरले ही देखने को मिलती हैं।

श्रद्घांजलि सभा का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि काकाजी सभी को उनके नाम से पुकारा करते थे, यह उनकी विशेष क्षमता थी। आज यह संस्था जिस स्थान पर है, उसमें काकाजी का योगदान अद्बितीय है, काका को मेरा सादर नमन। आदरणीय काकाजी 25 करोड़ के भारत से लेकर आज 135 करोड़ की जनसंख्या वाले विशाल भारत के साक्षी बने।

उपाध्यक्ष-पारस जैन ने कहा कि विश्‍वास नहीं हो रहा है कि आज काकाजी हमारे बीच में नहीं है। वह हमेशा चेम्बर के कार्यक्रमों में अग्रणी रूप से शामिल होते थे। उनकी बात करने की शैली अद्भुत थी।

दाल बाजार व्यापार समिति के अध्यक्ष एवं एमपीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष-गोकुल बंसल ने कहा कि  आपने व्यापार जगत के लिए हमेशा आगे बढकर कार्य किया, हमें उनका मार्गदर्शन सदैव प्राप्त होता रहा, मैं उन्हें दाल बाजार व्यापार समिति के समस्त सदस्यों की ओर से श्रद्घांजलि अर्पित करता हूं।

कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने काकाजी को याद करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स ही नहीं अपितु पूरे व्यापारी समाज के पितृपुरूष के बारे में कुछ भी कहना मेरे लिए बहुत कठिन है। अपने पिता के निधन के बाद मैं उनसे हर विषय पर सलाह लिया करता था परंतु आज मैं फिर अकेला हो गया हूँ।

भाजपा के जिलाध्यक्ष व चेम्बर सदस्य -कमल माखीजानी ने अपने श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए कहा कि काकाजी एक पूरी पाठशाला थे। वह अनुशासन प्रिय व समय के पाबंद थे, मुझे उनसे पिता तुल्य प्यार मिला।

म.प्र. कांग्रेस कमेटी के महासचिव व चेम्बर सदस्य-दुष्यंत साहनी ने कहा कि उनके व्यक्तित्व के बारे में बोलने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। ग्वालियर की दो महान विभूतियां जिनमें आदरणीय काकाजी व स्व. रघुनाथ पापरीकर जी अनंतकाल तक हमारे लिए प्रेरणा बने रहेंगे।

दि ग्वालियर होलसेल क्लॉथ मर्केन्टाइल एसोसिएशन के सचिव-विजय जाजू ने कहा कि उनके साथ मुझे संस्था में सचिव के रूप में कार्य करने का अवसर मिला, मैंने उनसे काफी कुछ सीखा।

ग्वालियर लोहा व्यवसायी संघ के सचिव-निर्मल जैन ने कहा कि लोहा व्यवसाय से जुड़े सभी आंदोलनों में हमें काकाजी का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

व्यापार समिति दाल बाजार के सचिव-मनीष बांदिल ने कहा कि काकाजी को सभी तरह के व्यापार की  चिंता रहती थी वह हर व्यापार के हित में कार्य करने वाले व्यक्तित्व थे।

लक्ष्मीबाई महिला नागरिक सहकारी बैंक की अध्यक्षा-श्रीमती अलका श्रीवास्तव ने कहा कि वह मेरे पिता तुल्य थे, मुझे उनसे पिता समान स्नेह प्राप्त हुआ।

सनातन धर्म मण्डल के अध्यक्ष-कैलाश मित्तल ने कहा कि वह एक लौहपुरूष थे, उनका अनुशासन हमें बहुत कुछ सिखाता है, सनातन धर्म मण्डल की ओर से मैं उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित करता हूं।

श्रद्घांजलि सभा में कार्यकारिणी समिति सदस्यस सर्वश्री उमेश उप्पल, पुरूषोत्तदास गुप्ता, अतुल जैन, विपिन गर्ग, जगदीश अग्रवाल, मनोज सरावगी, किशोर कुमार कुकरेजा, अंकुर 

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