नगर निगम को ‘गारबेज शुल्क` पर सौंपे जाने वाले मांग पत्र पर ‘चेम्बर भवन` में चर्चा आयोजित

      


ग्वालियर । म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) द्बारा नगर निगम को ‘गारबेज शुल्क` पर सौंपे जाने वाले मांग पत्र पर ‘चेम्बर भवन` में आज सायं चर्चा आयोजित की गई।

चर्चा के प्रारंभ में अध्यक्ष-विजय गोयल ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्य महानुभावों का स्वागत करते हुए गारबेज शुल्क पर कहा कि इस पर चेम्बर द्बारा प्रदेश के महानगर-इंदौर, भोपाल, जबलपुर की दरों का चार्ट बनाकर तुलनात्मक अध्ययन किया गया है, इस तुलनात्मक अध्ययन पर आज की बैठक आयोजित की गई है। आपने औद्योगिक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि आप बैठक में तो अपने सुझाव रखें ही, साथ ही हमें लिखित में भी प्रेषित करें ताकि निगम प्रशासन से की जाने वाली चर्चा में उसे शामिल किया जा सके।

बैठक में मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने ग्वालियर में प्रचलित गारबेज शुल्क की दरों से तुलना करते हुए भोपाल, इंदौर और जबलपुर में प्रचलित दरों का विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रदेश के इन महानगरों में आवासीय, गैर आवासीय और औद्योगिक केवल तीन श्रेणियों में गारबेज शुल्क वसूल किया जा रहा है और वह भी केवल सम्पत्ति पर, उसके आकार पर नहीं। जबकि ग्वालियर में सम्पत्ति के आकार के हिसाब से दरें प्रस्तावित की गई हैं, जो कि उक्त तीनों महानगरों की तुलना में अत्याधिक हैं।

चर्चा में कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल सहित लव कुमार गर्ग, शरद आहूजा, अशोक शर्मा ‘प्रेमी` संजय कपूर, जगदीश मित्तल, सचदेव कंजानी, सोबरन सिंह तोमर आदि ने सर्वसम्मति से कहा कि हमारा शहर ग्वालियर इंदौर, भोपाल और जबलपुर की तुलना में कम विकसित है और स्वच्छता में पीछे है इसके विपरीत हमसे गारबेज शुल्क अत्याधिक लिया जा रहा है और इसमें भी काफी विसंगतियां हैं। विसंगतियों पर निगम प्रशासन के साथ बैठक कर, चर्चा की जाना चाहिए और इसके बाद ही गारबेज के संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिए।

चर्चा उपरांत अध्यक्ष-विजय गोयल ने कहा कि आज आयोजित चर्चा में आये सुझावों को समाहित करते हुए शीघ्र ही नगर निगम आयुक्त महोदय से गारबेज शुल्क पर चर्चा की जाएगी और गारबेज शुल्क में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने की मांग की जायेगी। 

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